झज्जर/जगदीप सिंह
बिल वापसी को लेकर किसान आंदोलन को लगभग चार महीने होने को जा रहे हैं इसी बीच अब किसान प्रदर्शन की जगह पर बोरबैल बनाना और पक्के निर्माण कर रहे हैं बावजूद प्रशासन की चेतावनी के बता दें तीन दिन पहले किसान नेताओं और प्रशासन के बीच पक्का निर्माण और बोरवेल नहीं लगाने पर सहमति बनी थी, एसडीएम हितेंद्र ने किसानों को बताया था कि बिजली और पानी की व्यवस्था प्रशाशनिक स्तर पर कराई जाएगी अवैध बोरवैल रोकने गए प्रशासनिक अमले का किसानों ने बीते दिन घेराव कर लिया।
बहादुरगढ़ पुलिस ने टीकरी में अवैध रूप से निर्माण करने और बोरवैल खोदने के लिए किसानों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, वेस्ट हरियाणा हाईवे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और हरियाणा शहारी विकास प्राधिकरण से शिकायतों पर कार्रवाई की गई, हितेंद्र शर्मा, बहादुरगढ़ एसडीएम, ने कहा कि प्रशासन ने पहले किसानों से इस तरह के गैरकानूनी कामों में शामिल न होने की अपील की थी, गत 16 मार्च को एसडीएम बहादुरगढ़ ने संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से मुलाकात कर बताया था कि टिकरी बॉर्डर पर पक्के मकानों के निर्माण और बोरवेल का कार्य अवैध है, इस कार्य को रोक दिया जाये नहीं तो हमे क़ानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
इसके बावजूद, कुछ लोगों को नजफगढ़ फ्लाईओवर के पास एक बोरवेल खोदने और बुधवार को सेक्टर 10 और 12 को विभाजित करने वाली सड़क पर एक संरचना का निर्माण करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया, सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम, जो फ्लाईओवर के पास साइट का निरीक्षण करने गई थी, उसे किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा, किसानों ने उनके खिलाफ नारे लगाए और उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर किया।
पुलिस की कार्रवाई की आलोचना करते हुए, किसानों के नेताओं आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही थी, बीकेयू (किसान सरकार) के वीरेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से उनके उत्साह पर किसी भी तरह से असर नहीं पड़ेगा, और वे तब तक विरोध प्रदर्शन करेंगे जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता ।