India News Haryana (इंडिया न्यूज), Forest Department Recruitment: हरियाणा सरकार ने वन विभाग में महिलाओं की भर्ती के लिए शारीरिक माप परीक्षण (पीएमटी) में छाती का नाप लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यह नियम पिछले साल जुलाई में लागू किया गया था, लेकिन इसके विरोध के चलते अब सरकार ने इसे हटा दिया है। इससे महिला अभ्यर्थियों को पीएमटी के दौरान असहज स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अब से रेंजर, डिप्टी रेंजर और अन्य पदों के लिए भर्ती में महिलाओं की छाती का माप नहीं लिया जाएगा। पहले इस नियम के तहत महिला अभ्यर्थियों की छाती का सामान्य आकार 74 सेंटीमीटर और फुलाने पर 79 सेंटीमीटर होना अनिवार्य था। इस शर्त का विरोध करते हुए विधानसभा में कांग्रेस ने हंगामा किया था, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नियमों में बदलाव का आदेश दिया।
पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने इस बदलाव के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अब न तो सीधी भर्ती, न पदोन्नति, और न ही स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति के मामलों में महिलाओं को इस अनिवार्यता का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस ने इस नियम को तुगलकी फरमान बताते हुए इसकी तुरंत वापसी की मांग की थी। उनके विरोध के कारण सरकार को नियम में बदलाव करना पड़ा। इससे पहले, इन शारीरिक मानकों के आधार पर 22 महिला वन रक्षकों और चार महिला वनपालों की भर्ती की गई थी, लेकिन अब महिलाओं को इस अनिवार्यता से राहत मिलेगी। यह बदलाव न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि समाज में समानता और न्याय की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है।