पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त मंगलवार रात करीब 10.50 पर अंतिम सांसें लीं. सुषमा स्वराज 67 वर्ष की थीं उनके असमय निधन पर देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. सुषमा स्वराज को उनके सराहनीय कार्यों और कुशल वक्ता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने विदेश मंत्री रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए.
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर बीजेपी मुख्यालय से लोधी रोड शवदाह गृह ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की अंतिम यात्रा में उनके पार्थिव शरीर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल ने कंधा दिया. इस दौरान पीएम मोदी और अमित शाह भी मौजूद रहे.
सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर
सुषमा स्वराज भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री भी रहीं. वे 15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं. 1977-1982 और 1987-1990 के दौरान दो बार हरियाणा से और 1998 में एक बार दिल्ली से विधायक बनीं, अक्टूबर 1998 में वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं.
1977 में सुषमा स्वराज सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं, उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष थी. 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 दिन की सरकार के दौरान उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में लोकसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था. वर्तमान में सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव के साथ-साथ पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता भी थीं.
सुषमा स्वराज व्यक्तिगत जीवन
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था. सुषमा स्वराज के पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे. सुषमा स्वराज ने राजनीति विज्ञान और संस्कृत जैसे विषयों में अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. सुषमा स्वराज ने पंजाब विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री की हासिल की. 1970 में सुषमा स्वराज को अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार मिला.
सुषमा स्वराज आज के दौर के उन चंद भारतीय राजनेताओं में से थीं जिनका सम्मान हर सियासी दल में था. विदेश मंत्री के रूप में आम लोगों की मदद करने की उनकी शैली हर भारतीय के दिल में हमेशा जिंदा रहेगी. सुषमा स्वराज भले ही आज हमें छोड़कर चली गई हों, लेकिन वे एक आदर्श नेता, आदर्श भारतीय महिला, आदर्श गृहिणी, ममतामयी व्यक्तित्व, प्रखर वक्ता और विराट शख्सियत के रूप में भारतीय राजनीति के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गई हैं.
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