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Frauds on the Name of jobs in Haryana विजिलेंस स्टेट ब्यूरो की जांच में ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव के पेपर पर खड़े हुए सवाल

• LAST UPDATED : November 19, 2021

अमित शर्मा, पंचकूला :

Frauds on the Name of jobs in Haryana : हरियाणा में नौकरियों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े के मामले में हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने बड़े गिरोह को पकड़ा है जिसमें हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर का नाम इस मामले में सामने आने के बाद राजनीति पूरी तरह से गर्मा गई है।

एक और जहां विपक्ष सरकार को घेरने में लगा हुआ है, वहीं स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जांच में कई चौकाने वाले और बड़े खुलासे हुए हैं। इसमें सामने आया है कि नागर सहित कई अधिकारी इस पूरे गिरोह में शामिल हो सकते हैं। इससे जुड़े सबूत भी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को मिले हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि नागर सहित 3 आरोपियों से 2 करोड़ 22 लाख की रिकवरी हुई है। वहीं जांच के बाद हाल ही में हुई स्टेट ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव की भर्ती भी सवालों के घेरे में आ गई है। एक अन्य भर्ती में 11 कैंडिडेट को लाभ पहुंचाने के सबूत भी मिले हैं।

असल में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने शुक्रवार शाम अनिल नागर को पंचकूला कोर्ट में पेश किया। नागर को पेश करने के लिए बिजनेस की टीम उन्हें साथ लेकर जज के घर पहुंची जहां नागर के वकील ने उनके बचाव में दलीलें दी लेकिन स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की दलीलें सुनकर जज ने नागर को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

स्टेट ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव की भर्ती पर उठे सवाल Frauds on the Name of jobs in Haryana

सूत्रों के अनुसार हाल ही में सरकार की ओर से स्टेट ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव की एक भर्ती की थी जिसमें हाल ही में पेपर हुए हैं। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार इस भर्ती पर सवाल खड़े हो सकते हैं क्योंकि नागर की भूमिका इस भर्ती को लेकर संदिग्ध पाई गई है।

सूत्रों की मानें तो इस बारे में एचपीएससी के चेयरमैन सहित सरकार के आला नुमाइंदों को बता दिया गया है। ऐसे में इस भर्ती पर सवाल खड़े होने से नागर के खिलाफ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को एक नया और बड़ा सबूत भी हाथ लग गया है।

2 करोड़ 20 लाख की रिकवरी Frauds on the Name of jobs in Haryana

अभी तक इस मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने नवीन और अश्विनी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जिसके बाद अनिल नागर के नाम का खुलासा हुआ।

अनिल नागर सहित इन तीनों से 2 करोड़ 20 लाख रुपए की रिकवरी की गई है। अनिल नागर के घर पर शुक्रवार को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम पहुंची तो यहां से 12 लाख रुपए कैश 1 लैपटाप और 50 लाख की कीमत की जमीन के डाक्यूमेंट भी मिले हैं।

ऐसे में विजिलेंस ब्यूरो ने इन सभी सबूतों को जज के सामने पेश किया और कहा कि एक अधिकारी इतना कैश और इतनी प्रापर्टी कैसे बना सकता है। यह सब रिश्वत के पैसे से बनाया गया है।

मुझे फंसाया जा रहा : अनिल नागर Frauds on the Name of jobs in Haryana

अनिल नागर के वकील जब स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के हेड आफिस में उससे मिले तो नागर ने कहा कि उसका कहीं कोई रोल नहीं है। नागर ने अपने वकील को बताया कि उसे फंसाया गया है। जो एजेंसी एचपीएससी के लिए पेपर बनाने और करवाने का काम करती है उसके एक कर्मचारी का उसके पास फोन आया था।

काल करने के दौरान सामने वाले ने कहा था कि वह एक मशीन लेकर आया है जिसके बाद ही उसने उस मशीन को चेक करने के लिए आफिस में बुलाया था। इसी दौरान स्टेट विजिलेंस की टीम उस व्यक्ति के साथ पहले से मौजूद थी।

उसे जानकारी भी नहीं थी कि उस अटैची में कैश पकड़ी गई थी जिसके बाद स्टेट विजिलेंस की टीम ने उसे पकड़ लिया। अनिल नागर के वकील हरविंदर सिंह चौहान ने बताया कि उनके क्लाइंट निर्दोष है, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम पाइंट्स को एक दूसरे के साथ जोड़ कर दिखा रही है। उसके क्लाइंट को फंसाया जा रहा है।

अनिल नागर के घर और आफिस से मिले डाक्यूमेंट Frauds on the Name of jobs in Haryana

सूत्रों के अनुसार अनिल नागर के आफिस से और घर से स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम को कुछ डाक्यूमेंट भी मिले हैं। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि 4 दिनों के दौरान नागर से पूछताछ की जाएगी।

उसके साथ किस-किस अधिकारी कि इस मामले में भूमिका है, यह पता किया जाना बाकी है। हरियाणा के अंदर फैले इस पुरे नक्शे इसके बारे में पता करने के लिए भी उसे कई जिलों में लेकर जाया जा सकता है।

साइबर सेल की ली जा रही मदद Frauds on the Name of jobs in Haryana

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की ओर से हरियाणा पुलिस के साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है। नागर के लैपटाप को जहां खंगाला जा रहा है वहीं दूसरी और उसके मोबाइल कॉल की डिटेल भी निकाली जा रही है।

इसके साथ-साथ नागर के व्हाट्स एप नंबर की पूरी डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला जा रहा है। विजिलेंस को शक है कि वह अपने लोगों के जरिए काम करवाता था उसके पास मोटी पेमेंट पहुंचती थी।

बढ़ सकती हैं एचपीएससी के अधिकारियों की मुश्किलें Frauds on the Name of jobs in Haryana

इस मामले में अब एचपीएससी के अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं क्योंकि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार को एचपीएससी के एक बड़े अधिकारी से भी पूछताछ की है।

उससे पूछा गया है कि नागर के पास कौन-कौन सी फाइलें आती थी वही दोनों एक दूसरे से संबंधित काम करते थे। ऐसे में उसने नागर के कहने पर कौन-कौन से काम किए हैं। अगले कुछ दिनों में इस मामले में कई बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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