अमित शर्मा, पंचकूला :
Frauds on the Name of jobs in Haryana : हरियाणा में नौकरियों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े के मामले में हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने बड़े गिरोह को पकड़ा है जिसमें हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर का नाम इस मामले में सामने आने के बाद राजनीति पूरी तरह से गर्मा गई है।
एक और जहां विपक्ष सरकार को घेरने में लगा हुआ है, वहीं स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जांच में कई चौकाने वाले और बड़े खुलासे हुए हैं। इसमें सामने आया है कि नागर सहित कई अधिकारी इस पूरे गिरोह में शामिल हो सकते हैं। इससे जुड़े सबूत भी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को मिले हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि नागर सहित 3 आरोपियों से 2 करोड़ 22 लाख की रिकवरी हुई है। वहीं जांच के बाद हाल ही में हुई स्टेट ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव की भर्ती भी सवालों के घेरे में आ गई है। एक अन्य भर्ती में 11 कैंडिडेट को लाभ पहुंचाने के सबूत भी मिले हैं।
असल में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने शुक्रवार शाम अनिल नागर को पंचकूला कोर्ट में पेश किया। नागर को पेश करने के लिए बिजनेस की टीम उन्हें साथ लेकर जज के घर पहुंची जहां नागर के वकील ने उनके बचाव में दलीलें दी लेकिन स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की दलीलें सुनकर जज ने नागर को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
सूत्रों के अनुसार हाल ही में सरकार की ओर से स्टेट ज्यूडिशियल एग्जीक्यूटिव की एक भर्ती की थी जिसमें हाल ही में पेपर हुए हैं। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार इस भर्ती पर सवाल खड़े हो सकते हैं क्योंकि नागर की भूमिका इस भर्ती को लेकर संदिग्ध पाई गई है।
सूत्रों की मानें तो इस बारे में एचपीएससी के चेयरमैन सहित सरकार के आला नुमाइंदों को बता दिया गया है। ऐसे में इस भर्ती पर सवाल खड़े होने से नागर के खिलाफ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को एक नया और बड़ा सबूत भी हाथ लग गया है।
अभी तक इस मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने नवीन और अश्विनी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जिसके बाद अनिल नागर के नाम का खुलासा हुआ।
अनिल नागर सहित इन तीनों से 2 करोड़ 20 लाख रुपए की रिकवरी की गई है। अनिल नागर के घर पर शुक्रवार को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम पहुंची तो यहां से 12 लाख रुपए कैश 1 लैपटाप और 50 लाख की कीमत की जमीन के डाक्यूमेंट भी मिले हैं।
ऐसे में विजिलेंस ब्यूरो ने इन सभी सबूतों को जज के सामने पेश किया और कहा कि एक अधिकारी इतना कैश और इतनी प्रापर्टी कैसे बना सकता है। यह सब रिश्वत के पैसे से बनाया गया है।
अनिल नागर के वकील जब स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के हेड आफिस में उससे मिले तो नागर ने कहा कि उसका कहीं कोई रोल नहीं है। नागर ने अपने वकील को बताया कि उसे फंसाया गया है। जो एजेंसी एचपीएससी के लिए पेपर बनाने और करवाने का काम करती है उसके एक कर्मचारी का उसके पास फोन आया था।
काल करने के दौरान सामने वाले ने कहा था कि वह एक मशीन लेकर आया है जिसके बाद ही उसने उस मशीन को चेक करने के लिए आफिस में बुलाया था। इसी दौरान स्टेट विजिलेंस की टीम उस व्यक्ति के साथ पहले से मौजूद थी।
उसे जानकारी भी नहीं थी कि उस अटैची में कैश पकड़ी गई थी जिसके बाद स्टेट विजिलेंस की टीम ने उसे पकड़ लिया। अनिल नागर के वकील हरविंदर सिंह चौहान ने बताया कि उनके क्लाइंट निर्दोष है, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम पाइंट्स को एक दूसरे के साथ जोड़ कर दिखा रही है। उसके क्लाइंट को फंसाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार अनिल नागर के आफिस से और घर से स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम को कुछ डाक्यूमेंट भी मिले हैं। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि 4 दिनों के दौरान नागर से पूछताछ की जाएगी।
उसके साथ किस-किस अधिकारी कि इस मामले में भूमिका है, यह पता किया जाना बाकी है। हरियाणा के अंदर फैले इस पुरे नक्शे इसके बारे में पता करने के लिए भी उसे कई जिलों में लेकर जाया जा सकता है।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की ओर से हरियाणा पुलिस के साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है। नागर के लैपटाप को जहां खंगाला जा रहा है वहीं दूसरी और उसके मोबाइल कॉल की डिटेल भी निकाली जा रही है।
इसके साथ-साथ नागर के व्हाट्स एप नंबर की पूरी डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला जा रहा है। विजिलेंस को शक है कि वह अपने लोगों के जरिए काम करवाता था उसके पास मोटी पेमेंट पहुंचती थी।
इस मामले में अब एचपीएससी के अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं क्योंकि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार को एचपीएससी के एक बड़े अधिकारी से भी पूछताछ की है।
उससे पूछा गया है कि नागर के पास कौन-कौन सी फाइलें आती थी वही दोनों एक दूसरे से संबंधित काम करते थे। ऐसे में उसने नागर के कहने पर कौन-कौन से काम किए हैं। अगले कुछ दिनों में इस मामले में कई बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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