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सोनीपत के मुरथल गांव में फैली गंदगी से ग्रामीणों में रोष

सोनीपत

सोनीपत के मुरथल गांव में फैली गंदगी के कारण ग्रामीणों ने रोष व्यक्त कर प्रदर्शन किया। गांव में स्कूल और कालेज के सामने गंदे पानी से छात्राओं का स्कूल जाना बड़ी आफ़त बना हुआ है। गंदे पानी में ईंट रखकर रास्ता पार करते की यह तस्वीर आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी। गांववसियों का कहना है कि गंदगी से बीमारियों को भी खुला न्योता मिल रहा है।

सोनीपत के मुरथल गांव में राजकीय स्कूल व कॉलेज के सामने गंदगी और कीचड़ के साथ-साथ गंदा पानी भरा हुआ है। हालात ऐसे है कि स्कूल आने वाली बेटियों के मुख्य मार्ग पर निकलने का रास्ता नहीं है। ईंट रखकर गंदे पानी से बचकर निकलती हुई बेटियों की तस्वीर हर किसी के दिल को पसीज कर रख दें।इस मामले में प्रशासन भी नींद से नहीं जाग रहा। निदान के लिए कॉलेज प्रशासन ने जब बीडीपीओ मनीष मलिक को कॉल किया तो उन्होनें फ़ोन नहीं उठाया। थक हार कर बैठे ग्रामीणों और स्कूल व कॉलेज प्रशासन ने मीडिया के सामने अपना दुखड़ा रखा।

बदहाली और बदइंतजामों की यह तस्वीरें हकीकत बयां करती है। जहां सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या पहले ही कम रहती है और इसके लिए स्कूल और कॉलेज प्रशासन प्रयास भी करता है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही शिक्षण संस्थान के आड़े आ जाती है। दरअसल यह जो तस्वीरें आप देख रहे हैं किसी गंदे तालाब की नहीं बल्कि सरकारी तंत्र के उन लापरवाह नुमाइंदों के कारण बनी हुई तस्वीर है। जहां पर स्कूल कॉलेज की दीवारों के साथ-साथ मुख्य गेट पर गंदा पानी भरा हुआ है।  सरकारी स्कूल और सरकारी कॉलेज ताऊ देवीलाल में बेटियां दूरदराज से पढ़ने के लिए पहुंचती है। विद्यार्थियों की ज्यादा संख्या वाली अच्छी तस्वीर को कॉलेज और स्कूल के सामने यह गंदे पानी की तस्वीर दाग लगा देती है।

इतने बदतर हालात शायद ही कहीं और देखने को मिले। रास्ते से गुजरने के दौरान बदहाली की तस्वीर देखी तो स्थानीय लोगों से बातचीत की।  बातचीत करते ही सब का दर्द निकल कर सामने आना शुरू हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होनें कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की है लेकिन प्रशासन इस मामले में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। यहां तक कि मौके पर बीडीपीओ मनीष मलिक को भी जब कैमरे के सामने फोन करवाया गया तो कॉलेज और ग्रामीणों की बात एकदम सच में तब्दील हो गई। जब सरकार के नुमाइंदे ही सरकार की अच्छी व्यवस्था को पलीता लगाना शुरू कर दें, तो निसंदेह शिक्षा का मंदिर भी गंदगी का मंदिर बन सकता है।

स्कूल के मुख्य द्वार पर भी निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है। बेटियों और स्कूल स्टाफ के निकलने के लिए कुछ ईटें कीचड़ में बिछाई गई है। ताकि उन पर पैर रखकर कीचड़ से बचकर निकला जा सके। हमने जब मौके पर पहुंचकर लोगों से बात की तो हर कोई बहुत परेशान और लाचार नजर आया। क्योंकि यह तस्वीरें आप देख रहे हैं कि बेटियां किस प्रकार से लंबी कतार लगाकर अपने आपको कीचड़ से बचाने के लिए पानी में रखी गई ईटों से होकर गुजर रही है। वहीं दूसरी तस्वीर आप यह देख सकते हैं कि दूर-दराज से आने वाली बेटियां स्कूल के सामने बने हुए बस स्टॉपेज शेड के नीचे खड़ी होकर इंतजार कर सकें। लेकिन यहां  भी अब रास्ता नहीं बचा हुआ है। क्योंकि बस स्टॉपेज स्टैंड शेड भी गंदे पानी और कीचड़ में डूब गया है।

वही जब ग्रामीणों और कॉलेज प्रशासन से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में सोनीपत में बीडीपीओ से लेकर जिला प्रशासन और अन्य अधिकारियों को कई बार शिकायत के माध्यम से समस्या के बारे में  अवगत कराया जा चुका है। किसी भी दरवाजे पर जाने के बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने स्कूल के सामने खड़े होकर गंदे पानी के जलभराव की निकासी के लिए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। प्रतिदिन बेटियां कीचड़ से होकर गुजरती है और कई बार स्कूल में आने वाली बेटियों की ड्रेस भी खराब हो जाती है।

रोषित ग्रामीणों ने बताया कि मुरथल गांव में स्थित राजकीय स्कूल व कन्या कालेज के बाहर पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण गंदा पानी जमा रहता है। जिसके कारण स्कूल और कालेज के बाहर गंदगी फैली रहती है। यही नहीं स्कूल और कालेज में आते-जाते वक्त विद्यार्थियों के कपड़े भी खराब हो जाते हैं। कई बार विद्यार्थी गिर भी जाते हैं। विद्यार्थियों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी क्षेत्र से गुजरने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। जल भराव के कारण सडक़ के बीचों-बीच से गुजरने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके कारण सडक़ दुर्घटनाएं होने की सम्भावना भी बनी हुई है।

ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि हर समय गंदा पानी जमा रहने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं। ऐसे में मलेरिया व डेगूं जैसी बीमारियों के फैलने का डर भी सता रहा है।  बरसात के समय समस्या और अधिक गम्भीर हो जाती है। वहीं स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने बताया कि हर वक्त जल भराव के कारण स्कूल की चार दीवारी को भी नुकसान पहुंच रहा है। बरसात के समय पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने पर स्कूल के गेट तक जल भराव हो जाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द क्षेत्र में पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि विद्यार्थियों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी गंदगी से हो रही दिक्कतों से निजात मिल सके।

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