इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़ (G-20 meeting in Gurugram): जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत गुरुग्राम में आयोजित एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा कार्मिक, लोक शिकायत राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लिए एक ऐसा प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की कल्पना की है, जिसमें भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टोलरेंस नीति शामिल हो।
इन मुद्दों पर फोकस जरूरी
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए भारत की जी20 अध्यक्षता का लक्ष्य भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर व्यावहारिक एक्शन—ओरिएंटिड प्रयासों पर फोकस करना है, ताकि भ्रष्टाचार निरोधी मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भ्रष्ट लोगों तथा भ्रष्टाचार का सामना करने की जी20 समूह की प्रतिबद्धता को मजबूत किया जा सके। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि कई बार आर्थिक अपराधों का सामना करना पड़ा है और विशेषकर जब अपराधी देश के अधिकार क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इस संबंध में एक विशेष कानून भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 बनाया है।
बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि बेहतर समन्वय, न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने और मामलों के समय पर निपटान के लिए द्विपक्षीय समन्वय की बजाये बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता है, जो अधिक जटिल साबित होता है और एफईओ से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने तथा संबंधित संपत्तियों की वसूली में बाधा उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय व बैंकिंग धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच कानूनी प्रावधानों के तहत की गई और इन मामलों में हाई नेटवर्थ वाले लोग शामिल थे, जिनकी अपराध से आय लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, जिन्होंने संपन्न व्यक्तियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण लगभग 272 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है, को लगभग 180 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति हस्तांतरित की है।