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Fake Stock Trading App पर निवेश करवा साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार

• LAST UPDATED : December 4, 2024
  • पानीपत निवासी डॉक्टर से 60 लाख रूपए की ठगी की थी
  • 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, 1 टेब, 1 लेपटॉप व 1 मोबाइल फोन बरामद

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Fake Stock Trading App : पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह आईपीएस के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप पर निवेश करवा साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर गिरोह के तीन आरोपियों को फरीदाबाद व यूपी के मथूरा गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान मनीष सिन्हा निवासी पूणे महाराष्ट्र, राहुल सक्सेना निवासी औरंगाबाद व मनोज निवासी बेहता बांगर मथूरा यूपी के रूप में हुई। आरोपियों ने पानीपत निवासी डॉक्टर से 60 लाख रूपए की ठगी की थी।

Fake Stock Trading App : ग्रुप में और भी काफी लोग जुड़े हुए थे

उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतीश वत्स ने जिला सचिवालय स्थित पुलिस विभाग के सभागार में बुधवार को प्रेसवार्ता कर प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया की फरवरी 2024 में थाना साइबर क्राइम में डॉक्टर प्रवीन पी कोटवानी ने शिकायत देकर बताया था कि वह जुलाई 2023 से डॉ प्रेम एलएचडीएम अस्पताल पानीपत के माध्यम से आईओसीएल में व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्र पीआर में व्यावसायिक स्वास्थ्य सलाहकार के प्रभारी है।

उसने दिसम्बर 2023 को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर स्टॉक पुल अप ग्रुप के लिंक पर क्लिक किया तो वह उसे गोल्डमैन स्टॉक्स इंडिया इक्विटी एक्सचेंज ग्रुप 207 नामक वाट्सएप ग्रुप पर ले गया। वहां जय साहनी शिक्षक और रागिनी सिंह असिस्टेंट बनकर लोगों को ई ट्रेडिंग करने के सुझाव दे रहे थे। उक्त स्टॉक्स प्लेटफार्म में पैसे लगाकर डबल करने की बात कही जा रही थी। ग्रुप में और भी काफी लोग जुड़े हुए थे। जिसमे काफी लोग करोड़ो की धनराशि निवेश कर उसके स्क्रीनशॉट ग्रुप में पोस्ट कर रहे थे।

क्लेम प्रोसेस रिजेक्ट होने लगी

उनकी बातों पर विश्वास कर उसने भी ग्रुप के माध्यम से गोल्डमैनशैक एप पर जाकर निवेश करना शुरू कर दिया। उन्हें हर बार अच्छा मुनाफा दिखाकर और ज्यादा बड़ी रकम से ट्रेडिंग करने का टास्क मिलता रहा। करीब 36 लाख रूपए निवेश करने के बाद उन्होंने रूपए निकालने की कोशिश की तो क्लेम प्रोसेस रिजेक्ट होने लगी। उसने कस्टमर केयर कर्मचारी पर रूपए रिफंड कराने का दबाव बनाया तो उसने निवेश के नियम तोड़ने का दावा किया।

1 फरवरी तक 79 से 80 लाख रूपए नहीं भरने पर आईडी बंद करने की चेतावनी दी। करीब 60 लाख रूपये भरने के बाद उसकी आईडी ब्लाक हो गई। आरोपियों ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप से निवेश करवा उससे 60 लाख रूपए की ठगी कर ली। शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच व आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।

आरोपी मनीष सिन्हा को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया

उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने विभिन्न पहलुओं पर जांच करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ कर 30 नवम्बर को यूपी के मथूरा से आरोपी राहुल सक्सेना निवासी औरंगाबाद व मनोज निवासी बेहता बांगर मथूरा यूपी को काबू किया। ठगी गई नगदी में से कुछ पैसे आरोपी मनोज के खाते में गए थे। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों आरोपियों ने महाराष्ट्र के पुणे निवासी मनीष सिन्हा के साथ मिलकर ठगी की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल कर उनकी निशानदेही पर मंगलवार को आरोपी मनीष सिन्हा को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया।

अन्य साथी आरोपियों को क्रिप्टोकरेंसी देता था

उप पुलिस अधीक्षक सतीश वत्स ने बताया पूछताछ में खुलासा हुआ आरोपी राहुल सक्सेना फेसबुक के माध्यम से आरोपी मनीष सिन्हा के संपर्क में आया था। आरोपी मनीष सिन्हा ने उसे साइबर ठगी के लिए बैंक खातों की जरूरत होने बारे बताया। खाते उपलब्ध कराने पर पैसे देने की बात कही।

इसके बाद आरोपी राहुल सक्सेना ने साथी आरोपी मनोज से बातचीत की और उसका खाता 10 हजार रुपये में खरीदकर उसके साथ ही चार अन्य खाते 15 हजार रुपये प्रति खाता के हिसाब से आरोपी मनीष सिन्हा को बेच दिए। आरोपी मनीष सिन्हा गिरोह में शामिल अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ठगी की राशि उक्त खातों में ट्रांसफर करवा राशि को बिनेंल क्वाइन एप से क्रिप्टोकरंसी में बदल अपना कमीशन रखकर गिरोह के अन्य साथी आरोपियों को क्रिप्टोकरेंसी देता था।

कब्जे से 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, 1 टेब, 1 लेपटॉप व 1 मोबाइल फोन बरामद

उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया आरोपी मनीष सिन्हा के कब्जे से 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, 1 टेब, 1 लेपटॉप व 1 मोबाइल फोन बरामद कर बुधवार को आरोपी मनीष सिन्हा को माननीय न्यायालय में पेश कर 1 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी से गिरोह के अन्य आरोपियों के ठिकानों का पता लगा काबू करने का प्रयास करेंगी। इसके साथ ही आरोपी मनोज व राहुल सक्सेना को बुधवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर माननीय न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत जेल भेज दिया।

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