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Fraud In The Name Of Loan : लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना सहित 6 आरोपी गिरफ्तार

• LAST UPDATED : July 8, 2024
  • टाटा कैपिटल फाइनेंस कंपनी के लोन दिलाने के फर्जी पंफलेट छपवाकर हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल में चस्पाए थे

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Fraud In The Name Of Loan : पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने लोन दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड कर गिरोह के सरगना सहित 6 आरोपियों को करनाल व दिल्ली से गिरफ्तार किया। इनसे 5 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड व बैंक के 3 खातों की पासबुक व चेक बुक बरामद की गई है। आरोपियों की पहचान सतविंदर निवासी सेक्टर 13 कुरुक्षेत्र, अर्जुन निवासी तुसांग करनाल, चरणदास निवासी इंद्री करनाल, आशीष निवासी सुलतानपुर हिसार, अभिषेक निवासी गोविंदगढ़ कुरुक्षेत्र व सहदेव निवासी शाहबाद मारकंडा के रूप में हुई।

Fraud In The Name Of Loan : अब तक करीब 150 वारदातों को अंजाम दे चुके

थाना साइबर क्राइम प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों से खुलासा हुआ आरोपी पिछले 6 महिने से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने में सक्रिय थे और अब तक करीब 150 वारदातों को अंजाम दे चुके है। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया उन्होंने टाटा कैपिटल फाइनेंस कंपनी के आधार कार्ड लोन, होम लोन, बिजनेस लोन, प्रॉपर्टी लोन व पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर फर्जी पंफलेट छपवाकर हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल के विभिन्न जिला में चस्पा किये थे।

पंफलेट देखकर लोग उनके पास फोन करते

इसमें मोबाइल नंबर भी अंकित करवाया था। पंफलेट देखकर लोग उनके पास फोन करते। बाद में आरोपी दूसरे नंबर से फोन कर लोन दिलाने के झांसे में लेकर उनसे फाइल चार्ज व कागजों में कमी होने की बात बोलकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। आरोपियों ने बीते जून महिने में सौंदापुर निवासी दीपक के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। उक्त वारदात बारे थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज है।

फाइल चार्ज के नाम पर 4150 रुपए खाता में डलवाए

थाना साइबर क्राइम में गांव सौंदापुर निवासी दीपक पुत्र राजेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसने इलेक्ट्रॉनिक की दुकान की हुई है। 25 जून को उसने दुकान के सामने एक लोन से संबंधित पोस्टर लगा देखा। उसने लोन के लिए पोस्टर पर दिए नंबर पर फोन कर बात की। युवक ने कुछ देर बाद दूसरे नंबर से फोन कर सभी दस्तावेज वॉट्सअप के माध्यम से भेजने के लिए कहा तो उसने दस्तावेज भेज दिए। इसके बाद युवक ने एक लाख रुपए का लोन हो जाने की बात कही और फाइल चार्ज के नाम पर 4150 रुपए खाता में डालने के लिए कहा।

फाइल में कुछ कमी होने की बात कहकर 8726 रुपए डलवाए

उसने पैसे खाते में डाल दिए तो युवक ने फाइल में कुछ कमी होने की बात कहते हुए और 8726 रुपए खाता में डालने के लिए कहा। उसने उक्त राशि भी खाते में डाल दी। युवक ने पैसे खाते में डलवाने के बाद भी लोन पास करवाने की बजाय और पैसे खाते में भेजने के लिए कहा तो उसे अपने साथ हुई साइबर ठगी का अहसास हुआ। दीपक की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच पर आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।

पूछताछ में वारदातों को बारे स्वीकारा

इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने विभिन्न पहलुओं पर जांच करते हुए रविवार को आरोपी सतविंदर निवासी सेक्टर 13 कुरुक्षेत्र, अर्जुन निवासी तुसांग करनाल, चरणदास निवासी इंद्री को करनाल से व आरोपी आशीष निवासी सुलतानपुर हिसार व अभिषेक निवासी गोविंदगढ़ कुरुक्षेत्र व सहदेव निवासी शाहबाद मारकंडा को दिल्ली के मोहन गार्डन से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने ठगी की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा।

गिरोह का सरगना है आरोपी आशीष

इंस्पेक्टर प्रवीन शर्मा ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया गिरोह का सरगना आरोपी आशीष है। आरोपी अर्जुन व चरणदास भोले भाले लोगों को 500 रुपए से 1 हजार रुपए का प्रलोभन देकर उनकी आईडी पर बैंक में खाता खुलवाने के साथ ही सिम कार्ड खरीदवाते थे। इसके बाद साथी आरोपी सतविंदर को 2 हजार रुपए में बेच देते  थे। आरोपी अभिषेक ने विभिन्न राज्यों में पंफलेट चस्पा किये थे। आरोपी आशीष व सहदेव कॉलर से बात कर ठगी की वारदातों का अंजाम देते थे।

आरोपी अर्जुन व आशीष 2 दिन के पुलिस रिमांड पर

आरोपियों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड व बैंक के 3 खातों की पासबुक व चेक बुक बरामद कर रविवार को आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपी सतविंदर, चरणदास, अभिषेक व सहदेव को न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया व आरोपी अर्जुन व आशीष को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से गिरोह में शामिल इनके अन्य साथी आरोपियों के बारे पूछताछ व ठगी गई नगदी बरामद करने का प्रयास करेंगी।

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