इंडिया न्यूज, कुरुक्षेत्र।
International Gita Mahotsav अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरस और क्राफ्ट मेले में ब्रह्मसरोवर के तट पर हस्त शिल्पकला ने इस भव्य महोत्सव की छठा में रंग भर दिए हैं। दूसरे राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपनी हस्त कला से मेले में आने वाले पर्यटकों के मन को मोह लिया है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में लगी स्टालों पर पर्यटक जमकर खरीददारी कर रहे है।अंतरराष्टÑीय गीता महोत्सव में शिल्पकारों की कला ने महोत्सव में आए हुए सभी लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया है। इस महोत्सव में सुंदर-सुंदर हाथ से बनी हुई आकृतियों के सामान को देखने के लिए हजारों पर्यटक आ रहे है।
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महोत्सव में पटियाला (पंजाब) से एक व्यक्ति ने हाथों से बनाए जाने वाले लैदर के जूतों की स्टाल लगाई है। उन्होंने अपने अनुभव के बारे में बताया कि वर्षों से उनके पूर्वज लैदर के जूते हाथों से बनाने का काम करते थे और उनके बाद अब हमने इस कारोबार को आगे बढ़ाया और इस कारोबार के माध्यम से लगभग 55-60 औरतों को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चावल के दाने के समान लैदर की सबसे छोटी जूते की जोड़ी एवं किस्तीनुमा सबसे बड़ी जूतें की जोड़ी बनाई है और सबसे छोटी एवं बड़ी जूतों की जोड़ी बनाने पर भारत सरकार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड देकर सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वे हर बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आकर अपने हाथों से बने लैदर के जूतों को बेचने का काम करते हैं। उनके द्वारा बनाए गया सामान पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर पर्यटकों को खरीदने के लिए लालायित करता है।