इंडिया न्यूज,नई दिल्ली(Government alert to increase the efficiency of girls in the field of skill development): कौशल विकास के क्षेत्र में लड़कियों की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए सांसद कार्तिक शर्मा ने किया है। इस जवाब देते हुए उद्यमिता मंत्रालय ने बताया कि कौशल भारत मिशन के तहत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) प्रधान मंत्री कौशल विकास जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत देश भर में कौशल विकास केंद्रों/संस्थानों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से लड़कियों सहित समाज के सभी वर्गों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस)। इसके तहत निम्न योजनाएं हैं।
पीएमकेवीवाई सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में युवाओं को अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) और पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक मांग-संचालित योजना है।
जेएसएस का मुख्य लक्ष्य गैर-साक्षरों, नव-साक्षरों और 8वीं कक्षा तक शिक्षा के प्रारंभिक स्तर वाले व्यक्तियों और 12वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वालों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है। 15-45 वर्ष, “दिव्यांगजन” और अन्य योग्य मामलों में उचित छूट के साथ। महिलाओं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाती है।
यह योजना शिक्षुता अधिनियम, 1961 के तहत शिक्षुता कार्यक्रम चलाने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने और शिक्षुओं की सगाई बढ़ाने के लिए है। प्रशिक्षण में बुनियादी प्रशिक्षण और उद्योग में कार्यस्थल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण देना शामिल है।
यह योजना देश भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है। आईटीआई उद्योग को कुशल कार्यबल प्रदान करने के साथ-साथ युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में आर्थिक क्षेत्रों को कवर करने वाले व्यावसायिक/कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं।”
प्रश्न के एक अन्य भाग में सांसद कार्तिक शर्मा ने पूछा था कि पिछले तीन वर्षों के दौरान हरियाणा सहित देश में कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली लड़कियों की संख्या क्या है। इसका जवाब देते हुए उद्यमिता मंत्रालय ने बताया कि पिछले तीन वर्षों अर्थात 2019-20 से 2021-22 के दौरान पीएमकेवीवाई, एनएपीएस, जेएसएस और सीटीएस के तहत प्रशिक्षित लड़कियों की जिलेवार संख्या क्रमशः अनुबंध-I, अनुबंध-II, अनुबंध-III और अनुबंध-IV में है। चूंकि उक्त अनुलग्नकों में विवरण बहुत लंबा है, यह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक https://www.msde.gov.in/en/useful-links/parl-ques पर उपलब्ध है।
वहीं सांसद कार्तिक शर्मा ने पूछा कि क्या विगत तीन वर्षों के दौरान इन कार्यक्रमों में प्रशिक्षित लड़कियों की संख्या कितनी है जो हरियाणा सहित देश में रोजगार प्राप्त करने में सफल रही हैं। उद्यमिता मंत्रालय ने बताया कि एमएसडीई की योजनाओं के बीच, पीएमकेवीवाई के तहत प्लेसमेंट को विशेष रूप से ट्रैक किया जाता है। पीएमकेवीवाई के तहत पिछले तीन वर्षों (2019-20, 2020-21 और 2021-22) के दौरान देश भर में कुल 5,07,590 महिलाओं को नौकरी दिए जाने की सूचना है। जिनमें से 18,874 हरियाणा राज्य से हैं। एमएसडीई की अन्य योजनाओं के संबंध में, तीसरे पक्ष की मूल्यांकन रिपोर्ट में प्लेसमेंट के मामले में सफलता या प्रशिक्षित उम्मीदवारों की आय में वृद्धि के बारे में उल्लेख किया गया है। जहां तक जेएसएस योजना के लाभार्थियों के रोजगार का संबंध है योजना की तीसरे पक्ष की मूल्यांकन रिपोर्ट में पाया गया कि जेएसएस में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभाव के रूप में, स्व और मजदूरी रोजगार और निजी नौकरी स्पष्ट हो गई है।
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