हिसार
प्राइवेट बैंकों के बाद अब सरकारी बैंकों से जुड़े कर्मचारी भी आंदोलन की राह पर हैं। भारतीय मजदूर संघ से संबधित ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एवं वर्कर्स ऑर्गनाइजेशन के आह्वान पर ग्रामीण बैंक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कर्मचारियों का आरोप है कि वित्त मंत्रालय की ओर से जारी 11वें वेतन समझौते के आदेश को तोड़ मरोड़ कर लागू किया जा रहा है।
कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक पदम सिंह तंवर ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने 2001 और 2003 में भारत सरकार को स्पष्ट आदेश दिया था कि, जब-जब वाणिज्य बैंकों मे वेतन समझौते लागू होंगे उसी आधार पर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों मे भी आदेश लागू होने चाहिए। सभी वाणिज्य बैंकों में 11वां वेतन समझौता और अन्य सुविधाएं दिसंबर 2020 में लागू हो चुकी हैं… लेकिन ग्रामीण बैंकों में एरीयर की राशि दो किस्तो में 2022 तक दी जाएगी जो सरासर गलत है।
ग्रामीण बैंक कर्मियों ने 17 मई को एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है 80 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार ने अपने आदेश में सुधार नहीं किया तो ग्रामीण बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।