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103 वर्ष के बुजुर्ग हिन्दी रक्षक को सरकारी पेंशन

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : March 27, 2021

यमुनानगर/ देवीदास शारदा

हरियाणा के यमुनानगर के प्रेम नगर निवासी वैद्य राम लाल 103 वर्ष की आयु के हैं. काफी लम्बा सफर तय करने के बावजूद पूर्णत: स्वस्थ्य हैं, जीवन के इस लम्बे सफर के दौरान वे जहां पिछले 90 वर्ष, से अधिक समय से आर्युवैदिक चिकित्सा पद्धति से लोगों की सेवा कर रहे हैं।

वहीं 1957 में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए चलाए गए हिन्दी रक्षा आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका अदा की है. हिन्दी भाषा के लिए उनके इस योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री, के निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना,  जन सम्पर्क और भाषा विभाग, के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पैंशन दी जा रही है।

वैद्य रामलाल को हिन्दी भाषा के लिए पेंशन दी जा रही है

यमुनानगर के प्रेम नगर निवासी वैद्य रामलाल को हिन्दी भाषा के लिए पेंशन दी जा रही है. उनके योगदान को देखते हुए सीएम मनोहर लाल के  निर्णय के तहत, राज्य सरकार द्वारा उन्हें सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से, 10 हजार रूपये मासिक पैंशन दी जा रही है.  जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए, आंदोलन में सहयोग करने पर इस पैंशन का लाभ दिया जा रहा है।

वैद्य रामलाल 103 वर्ष की आयु

वैद्य रामलाल 103 वर्ष की आयु में न केवल स्वस्थ्य रूप से चलते-फिरते हैं. और अपनी दैनिक क्रिया सामान्य व्यक्ति की तरह करते हैं, बल्कि जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी कार्यालय में प्रति वर्ष, अपना जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए भी स्वयं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होते हैं. उन्होंने मीडिया सैंटर में उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ हिन्दी रक्षा आंदोलन से जुड़े, और अनेकों सस्मरण साझा किए।

उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल 1957 में आरम्भ हुआ, हिन्दी आंदोलन 27 दिसम्बर 1957 तक जारी रहा था. इस आंदोलन में हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए हरियाणा के अनेकों जागरूक नागरिकों ने अपना सहयोग दिया. और आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार स्वयं के घर पर सरकारी विश्राम गृह में नजरबंद भी रखा गया. उन्होंने पैंशन के रूप में हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे सम्मान का आभार व्यक्त किया।

 मुख्यमंत्रील ने उनके आंदोनल के सहयोग को उचित सम्मान दिया है

यमुनानगर के जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरदीप सिंह ने बताया, कि  वैद्य रामलाल इतनी आयु में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं. उन्हें हिन्दी भाषा के लिए उनके योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री  निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा, उन्हें सूचना  जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के माध्यम से 10 हजार रूपये मासिक पैंशन दी जा रही है. जिला के 9 अन्य राष्ट्र भक्तों को भी हिन्दी भाषा की रक्षा के लिए,  इस आंदोलन में सहयोग करने पर इस पैंशन का लाभ दिया जा रहा है।

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