इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़ :
Government Strict Due to Pollution: दीवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे हरियाणा के जिलों में आबोहवा बेहद ही खतरनाक लेवल तक अब भी दूषित है। हालांकि प्रदेश सरकार ने इसको लेकर कई कदम उठाए हैं लेकिन वायु प्रदूषण में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है जो सबके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए कमेटियों के गठन के आदेश दिए हैं तो पराली जलाने वाले किसानों पर भी कार्रवाई की है।
इतना सब होने के बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है। बता दें किल 18 नवंबर को प्रदेश के 11 जिले या कस्बे ऐसे रहे जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से 400 के बीच में था जो स्थिति की भयावहता को साफ दर्शा रहा है। इसके अलावा आधा दर्जन शहर या जिले ऐसे रहे जहां हवा की गुणवत्ता पुअर श्रेणी में थी और ये भी स्वास्थ्य के लिए घातक है। प्रदेश के पंचकूला में स्थिति ठीक रही । इसके अलावा मंडीखेड़ा( मेवात) और पलवल में भी हवा की क्वालिटी मोडरेट रही।
हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एचएसपीसीबी) के रीजनल ऑफिसर वीरेंद्र पूनिया ने बताया कि सरकार के मार्गदर्शन में एचएसपीसीबी और कृषि विभाग संयुक्त रूप से मिलकर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं और स्थिति पहले की तुलना में सुधर रही है।
समस्या वहीं की वहीं है। हालांकि दिवाली की तुलना में हवा की गुणवत्ता थोड़ी सुधरी जरुर है लेकिन दिल्ली से सटे हरियाणा कुछ जिलों में हवा की गुणवत्ता में उम्मीदों के अनुरूप सुधार नहीं है और ये चिंतनीय है। आंकड़ों के अनुसार 18 नवंबर को भी प्रदेश के 10 जिले व शहर ऐसे रहे जहां एक्यूआई लेवल 300 से 400 अंक के रहा और इसको वैरी पुअर की श्रेणी में काउंट किया जाता है।
ये स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक स्थिति होती है। 18 नवंबर को आंकड़ों के अनुसार शाम को करीब 4 बजे तक फरीदाबाद में 349, फतेहाबाद 303, हिसार 365, गुरुग्राम 323, मानेसर 330, नारनौल 305, पानीपत 340, रोहतक 351, जींद 310 और झज्जर के बहादुरगढ़ में 341 रहा।
एक्सपर्ट्स की अनुसार हवा की क्वालिटी मुख्य रूप से 6 कैटेगरी में रखी गई है। एय़र क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआई) अगर 0 से 50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है और स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता है। अगर से 51 से 100 के बीच में है तो गंभीर मरीजों को थोड़ी बहुत दिक्कत हो सकती है।
अस्थमा व हार्ट रोगियों को ज्यादा परेशानी Government Strict Due to Pollution
101 से 200 के बीच है तो अस्थमा व हार्ट संबंधी रोगों से जूझ रहे लोगों को परेशानी होती है। इसके बाद 201 से 300 के बीच एक्यूआई है तो इसको पुअर श्रेणी में रखा जाता है और इसका शरीर पर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके बाद अगर स्कोर 301 से 400 के बीच है तो इसको वैरी पुअर कैटेगरी में रखा जाएगा और ये स्वास्थ्य पर ज्यादा बुरा प्रभाव डालता है। सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति तब होती है जब एक्यूआई 401 से 500 हो। इस स्थिति में हेल्दी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर तो दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साथ में बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों के शरीर पर गंभीर असर होता है।
अस्पतालों में निरंतर बढ़ रहे हैं मरीज Government Strict Due to Pollution
स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि दिवाली के बाद प्रदेश के अस्पतालों में प्रदूषण के चलते मरीजों की संख्या पहले से ज्यादा है। इनमें वो मरीज ज्यादा हैं जो पहले ही किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे थे। सांस की बीमारी (पल्मोनरी डिजीज) से जूझ रहे मरीजों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वायु प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव छोटे बच्चों पर भी पड़ा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग निरंतर मरीजों के इलाज को लेकर अस्पतालों में जरुरी इंतजाम कर रहा है।
कृषि व कल्याण विभाग द्वारा मुहैया करवाई गई जानकारी अनुसार अगर कोई व्यक्ति खेत में पराली जलाता है तो इस आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अनुसार उसे 6 महीने की सजा या फिर 15000 रुपए तक जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
राज्य सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी के लिए 50 से 80 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए वो टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर संपर्क साधा जा सकता है। इसके अलावा जिला कृषि उपनिदेशक या सहायक कृषि अभियंता से संपर्क कर सकते हैं।
जिले का नाम दिवाली के अगले दिन 18 नवंबर को आंकड़े
4.चरखी दादरी 424 –
16.पलवल 314 121
22 यमुनानगर 206 258
23 .बहादुरगढ़ – 338
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