होम / Grand program on the theme Go Geeta Gargi in Kurukshetra गीता राजनीति नहीं सिखाती, गीता इंसानियत सिखाती है : पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा

Grand program on the theme Go Geeta Gargi in Kurukshetra गीता राजनीति नहीं सिखाती, गीता इंसानियत सिखाती है : पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा

• LAST UPDATED : April 2, 2022

Grand program on the theme Go Geeta Gargi in Kurukshetra गीता राजनीति नहीं सिखाती, गीता इंसानियत सिखाती है : पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा

  • भगवान के द्वारा गाया गया गीत भगवत गीता है : स्वामी ज्ञानानंद
  • कुरुक्षेत्र में ‘गो, गीता, गार्गी’ विषय पर हुआ भव्य कार्यक्रम, गीता के मूल्यों पर हुई सार्थक चर्चा

डॉ. राजेश वधवा, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर पुरुषोत्तमपुरा बाग में इंडिया न्यूज हरियाणा की ओर से ‘गो, गीता, गार्गी’ विषय पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक 6 सत्रों में चले इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, गीतामनीषि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, गौ सेवा आयोग हरियाणा के चेयरमैन श्रवण गर्ग, गुरुग्राम कौशल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहूजा, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा मौजूद रहे ।

इसके साथ करनाल नगर निगम की चेयरमैन रेणुबाला गुप्ता, थानेसर नगरपरिषद की निवर्तमान अध्यक्षा उमा सुधा, राष्ट्रपति अवॉर्डी डॉ. संतोष दहिया, रेडक्रॉस हरियाणा की वाइस चेयरपर्सन डॉ. सुषमा गुप्ता, पूर्वमंत्री अशोक अरोड़ा, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति अर्चना मिश्रा, पुलिस कारपोरेशन हाउसिंग हरियाणा के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. आर. सी. मिश्रा, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, इकबाल सिंह मैनेजिंग डायरेक्टर आइएफएम सहित अन्य मौजूद रहे ।

कई समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके महानुभावों ने समाज मे गौमाता की उपयोगिता, उसकी सुरक्षा, रखरखाव, श्रीमद्भगवद गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दिलाने, गीता की उपयोगिता, महत्त्व, प्रचार प्रसार, सशक्त नारी की समाज मे भूमिका, नारी की स्थिति, बदलाव, विकास, समाज में नारी के योगदान जैसे अनेक मुद्दों पर चिंतन-मंथन किया गया। कार्यक्रम में जहाँ राजनीति, प्रशासन, समाजसेवा व अन्य क्षेत्रों से सम्बद्ध गणमान्य लोगों ने भाग लिया, वहीं लाइव चल रहे कार्यक्रम को देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई।

पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने राजनीति में गीता के महत्व पर प्रकाश डाला 

पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने राजनीति में गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता एक ग्रंथ नहीं बल्कि गीता एक जिंदगी है और गीता जिंदगी जीने का एक रास्ता है। विनोद शर्मा ने कहा कि अगर राजनीति को समझना है तो आप महाभारत को देखकर राजनीति समझ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गीता का उपदेश आज भी भगवान श्री कृष्ण की आवाज में गूंज रहा है। यह मानने वालों पर निर्भर करता है कि वह कैसे सुनते हैं और कैसे उस पर अमल करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि गीता राजनीति नहीं सिखाती, गीता इंसानियत सिखाती है और अगर गीता के हिसाब से राजनीति की जाए तो वह राजनीति सभी के कल्याण के लिए बेहतर साबित होगी।

गीतामनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता का वास्तविक अर्थ बताया 

गीतामनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता का वास्तविक अर्थ बताते हुए कहा कि गीता अर्थात गाया गया गीत, भगवान के द्वारा गाया गया गीत भगवत गीता है। उन्होंने कहा कि भगवत गीता एक व्यवहारिक स्वास्थ्य है, पूरी तरह से वैचारिक शास्त्र है। अगर थोड़ा गहराई से देखें तो वैज्ञानिक शास्त्र है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि भगवत गीता की दिव्यता है कि भगवत गीता सर्व काल के लिए है।

सर्वर क्षेत्र के लिए है सर्वभौमिक है हर व्यक्ति के लिए है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा पावन ग्रंथ जिसका प्रारंभ ही विषाद को योग बनाने की प्रेरणा के साथ है वह भगवत गीता है। कर्तव्य निष्ठा की सही परिभाषा देखनी हो तो गीता में देखें। मानवीय मूल्यों की बात करनी हो तो आप गीता को देखें। इसके साथ उन्होंने कहा कि हर वर्ग, हर क्षेत्र और हर व्यक्ति के लिए है गीता। इसलिए गीता न केवल भारत न केवल हिंदू अपितु पूरे विश्व की और पूरी मानवता की वर्तमान की बहुत सार्थक बहुत आवश्यक आवश्यकता है।

गौ सेवा आयोग के चेयरमैन केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा गौ माता हेतु चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। विधायक सुभाष सुधा ने धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में गौ माता की सुरक्षा, गौशालाओं में उनके रखरखाव और गौ भक्तों द्वारा किए जा रहे कार्यों के विस्तार से जानकारी दी।

वही अधिवक्ता सोमबीर, उद्योगपति धीरज गुलाटी, शिक्षाविद डॉ. मीनाक्षी शांडिल्य, बीआर संस्थाओं के चेयरमैन दीपक चोपड़ा ने पहले सत्र में ‘गो, गीता, गार्गी’ विषय पर अपने विचार रखे।

इसी प्रकार दूसरे सत्र में राष्ट्रपति अवार्ड डॉ. संतोष दहिया, डॉ. सुषमा गुप्ता, डीएसपी सुभाष चंद्र ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र ‘गाय और आस्था’ में अनिल शर्मा केडीवी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने इन विषयों पर विस्तार से अपने सुझाव भी दिए और चर्चा भी की।

कार्यक्रम के चौथे सत्र ‘बेटी और भ्रूण हत्या’ में समाज सेविका प्रीति पाल जिंदल, डॉ. आर. सी. मिश्रा, अर्चना मिश्रा, मेयर रेनू बाला गुप्ता, उमा सुधा ने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की और अपने सुझाव भी दिए।

कार्यक्रम के पांचवें सत्र ‘गोपालन से परहेज आखिर क्यों है’, ‘गोपालन क्या जनप्रतिनिधि के लिए अनिवार्य होना चाहिए’ जैसे गंभीर विषय पर थानेसर विधायक सुभाष सुधा, गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग, गो सेवक विजेंद्र आटा, इकबाल सिंह, डॉ. अंजू आहूजा ने अपने विचार रखे और सुझाव दिए।

कार्यक्रम के अंतिम और मुख्य सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज एवं गुरुग्राम कौशल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉक्टर मारकंडेय आहूजा ने ‘गो, गीता, गार्गी’ विषय पर विस्तार से चर्चा की गीता के मूल्यों पर सार्थक चर्चा की।

Read More : Surajkund Mela 2022 संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए ऐसे आयोजन जरूरी : जय भट्ट

Also Read: Satpal Singh Danipur Joins Haryana Jan Chetna Party हजपा में सभी का सम्मान : विनोद शर्मा

Connect With Us : Twitter Facebook