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Gray Divorce : करनाल में बुजुर्ग दंपती ने शादी के इतने साल बाद लिया तलाक, पत्नी को देगा 3.07 करोड़ का गुजारा भत्ता

• LAST UPDATED : December 17, 2024
  • उम्र के अंतिम पड़ाव में यह मामला वास्तव में बहुत चौंकाने वाला

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Gray Divorce : करनाल के रहने वाले एक बुजुर्ग दंपती का शादी वर्षों से एक-दूसरे से अलग होना चर्चा का विषय बना हुआ है। जी हां, दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया है। बुजुर्ग की उम्र 69 साल और महिला की उम्र इस समय 73 साल है। दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र की मदद ली। इस दौरान पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ का स्थायी गुजारा भत्ता देने का समझौता किया।

यह मामला वास्तव में बहुत ही चौंकाने वाला और दिलचस्प है। 43 सालों के बाद, एक बुजुर्ग दंपती का आपसी सहमति से तलाक लेना और इसके लिए एक बड़ी रकम का भुगतान करना, खासकर तब जब उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं, कई मायनों में अनूठा है।

लंबे समय बाद तलाक : शादी के 43 साल बाद तलाक का निर्णय लिया गया, जो किसी भी विवाह में असामान्य होता है। यह बताता है कि लंबे समय तक साथ रहने के बावजूद रिश्तों में खटास आ सकती है और दोनों पक्ष एक-दूसरे से अलग होने का फैसला करते हैं।

मध्यस्थता और सुलह: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले को मध्यस्थता और सुलह केंद्र में भेजा, जहां पर दंपती और उनके बच्चों के बीच समझौता हुआ। यह दिखाता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था में विवादों को सुलझाने के लिए वैकल्पिक उपायों (जैसे कि मध्यस्थता) का उपयोग किया जाता है, जो कोर्ट के बोझ को भी कम करते हैं।

गुजारा भत्ता: पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने का समझौता किया। यह एक बहुत बड़ी राशि है, जो तलाक के बाद पत्नी के आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित की गई। पति ने अपनी कृषि योग्य ज़मीन बेचकर यह राशि जुटाई।

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विरासत पर कोई दावा नहीं: कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पत्नी और बच्चों को इस राशि के अलावा पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा, यहां तक कि अगर पति का निधन हो जाता है, तो भी वे उसके संपत्ति पर दावा नहीं कर सकेंगे। यह एक महत्वपूर्ण फैसला है, जो संपत्ति के अधिकारों को स्पष्ट करता है और भविष्य में किसी भी तरह की कानूनी दावेदारी से बचने का रास्ता बनाता है।

यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि जीवन के किसी भी पड़ाव पर, जब कोई व्यक्ति यह महसूस करता है कि रिश्ते में अब सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है, तो वह अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा देने का निर्णय ले सकता है। इस मामले में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से अलग होने का निर्णय लिया, लेकिन साथ ही साथ एक समझौते के तहत सुलह भी की, जिससे दोनों की भविष्य की स्थिति सुरक्षित रहे।

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