प्रदेश की बड़ी खबरें

Haryana Ground Water Level : प्रदेश के 42 फीसदी गांवों में भू-जल डार्क जोन में, अगली पीढ़ियों के लिए संकट

  • प्रदेश के 3041 गांव रेड व पिंक जोन में, लगातार नीचे जा रहा भू-जल स्तर

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Haryana Ground Water Level, चंडीगढ़ : हरियाणा में गिरता भू-जल स्तर निरंतर चर्चा का विषय है। भूमिगत जल संसाधनों का निरंतर दोहन आने वाले पीढ़ियों के लिए संकट का कारण बनना तय है। प्रदेश में 60 फीसदी से ज्यादा ब्लॉक डार्क जोन में आ गए हैं और गहराते भूजल संकट के चलते हर किसी की परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं। कई जिलों में पानी का स्वाद पीने में नमकीन हो गया है।

साथ ही सेहत के लिए भी हानिकारक हो गया है। सरकारी लैब की जांच में ये तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भूमिगत जल पीने लायक तो दूर खेतीबाड़ी में इस्तेमाल लायक भी नहीं बचा। कई जिले तो पहले ही डार्क जोन में जा चुके हैं, जिनमें भूमिगत जल स्तर 350 फुट की गहराई तक जा चुका है। इसका इस्तेमाल न तो पीने में हो सकता है न ही उसका कृषि में प्रयोग संभव है। पानी के बेस्वाद होने का सीधा असर फसल चक्र पर भी पड़ा है।

प्रदेश के करीब 3 हजार गांवों में भू-जल का घोर संकट

हरियाणा सरकार द्वारा पहले भी भू-जल स्तर गहराई के आधार पर प्रदेश के गांवों को सात जोन में बांटा गया है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी हरियाणा स्टेट वॉटर अथॉरिटी के इस प्रस्ताव के पक्ष में है। वहीं इस बार इन गांवों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जा रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हरियाणा के 7287 गांवों में से 1948 गांव रेड जोन में रखे गए हैं, जहां पानी की बेहद किल्लत अभी से पेश आ रही है।

इस लाड से हरियाणा के 27% गांव रेड जोन में है जो की बेहद चिंतनीय है। इसके अलावा पिंक जोन में प्रदेश की 1093 गांव है जोकि कुल गांव का करीब 15 फीसदी है, यहां भी पानी को लेकर काफी दिक्कत पेश आ रही है। इन गांवों में व्यापक पैमाने पर खेती और पीने के पानी को लेकर दिक्कत पेश आ रही है। आंकड़ों के लिहाज से रेड और पिक जोन में कुल 3041 गांव है जो कि कल 7287 गांव का 42% बनता है।

प्रदेश में महज 1304 गांव ग्रीन जोन में

आंकड़ों के अनुसार 1903 गांव भूजल की स्थिति के लिहाज से थोड़ी सी सुखद स्थिति में हैं। प्रदेश के 1903 गांव को लाइट ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है और प्रदेश की 26% गांव इस कैटेगरी में आते हैं। इसके अलावा प्रदेश की मस्जिद 1304 गांव ही ऐसे हैं जिनको ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है और यहां पानी का लेवल और क्वालिटी ठीक है। आंकड़ों के लिए आज से प्रदेश के मैच करीब 18% गांव ही ग्रीन जोन में हैं।

जलभराव की भी समस्या

राज्य के भौगोलिक क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में जलभराव और लवणता की दोहरी समस्या और ये क्षेत्र गंभीर स्थिति में हैं। हरियाणवी जलभराव की समस्या से जूझ रही क्षेत्र को कैटेगरी में बांटा गया है प्रदेश में 680 गांव को येलो जॉन यानी  बफर जोन में रखा गया है। यहां जलभराव की समस्या व्यापक है। इसके अलावा 333 गांव को पर्पल और 88 गांवों को ब्लू जोन में रखा गया है। हरियाणा में जलजमाव और लवणीय मिट्टी का सुधार कार्य 1996 में शुरू किया गया था, जिसके तहत 24 वर्षों में केवल 28,100 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त किया गया था।

जीरी की खेती घटते भू-जल का बड़ा कारण

सबके मन में सवाल है कि हरियाणा में भू-जल संकट की सबसे बड़ी वजह क्या है तो इसका जवाब है धान की खेती का व्यापक स्तर पर किया जाना। किसान धान की खेती रोपाई के जरिए करते हैं तो उसमें पानी की खपत काफी ज्यादा होती है। एक अनुमान के अनुसार एक हेक्टेयर में धान की खेती करने पर करीब 15 लाख लीटर पानी खर्च होता है। हरियाणा में धान की खेती काफी ज्यादा होती है। हरियाणा वर्तमान में लगभग 68 लाख मीट्रिक टन धान और 25 लाख मीट्रिक टन का बासमती का उत्पादन कर रहा है। इसी वजह से भूजल संकट गहराता जा रहा है। सरकार भी यही कोशिश कर रही है कि किसान धान की रोपाई न करें और सीधी बिजाई करें।

इन जिलों में पानी का लेवल लगातार नीचे जा रहा

हरियाणा के 14 जिलों में पानी का लेवल लगातार नीचे जा रहा है। इस लिस्ट में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद जिले हैं। सरकार की कोशिश है कि इन जिलों के किसान या तो धान की सीधी बिजाई करें और या फिर धान की जगह अन्य फसलों की खेती करें। फिलहाल की परिस्थितियों को देखते हुए साफ है कि जल संसाधनों को लेकर आने वाली पीढियां को दिक्कत आनी चाहिए।

पिछले दो वर्षों में 1.7 लाख एकड़ से अधिक धान की खेती वाली भूमि अन्य फसलों, विशेषकर कपास (94,000 एकड़) में स्थानांतरित हो गई है। जबकि किसानों ने 30,000 एकड़ कृषि भूमि पर धान नहीं लगाया है। सरकार ने एक लाख से अधिक किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 117 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी किया है। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात है कि 1966-67 में धान की खेती 4.8 लाख एकड़ में होती थी जबकि 2021-22 में यह बढ़कर 34.1 लाख एकड़ हो गई। धान पानी की अधिक खपत करने वाली फसल है।

एक दशक के आंकड़ों पर एक नजर

जून 2010 से लेकर जून 2020 तक के यानि 10 सालों के आंकड़ों के हिसाब से पता चला है कि जिन 957 गावों को रेड जोन घोषित किया गया है, वहां भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष के बीच है. 79 गांवों में गिरावट दर जहां 2.0 मीटर प्रति वर्ष है तो वही 7.07 गांवों में गिरावट दर 1.01-2.00 मीटर प्रति वर्ष के मध्य दर्ज की गई है. वही 37 गांवों में भूजल स्तर में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई. साल 2020 के जून माह तक 1041 गांव इस श्रेणी में आ गए है. वही पिछले 10 सालों में 874 गांवों में उतार-चढ़ाव के साथ भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष रही है। 10 साल के आंकड़ों के अनुसार 203 गांव ऐसे है जो हाई ट्रेंड पर है, जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है. जबकि 13 गांवों में हाई ट्रेंड दर्ज नहीं किया गया है

भूजल स्तर के आधार पर ग्रामों का वर्गीकरण…

(i) 30.01 और अधिक जल को लेकर गंभीर संकट रेड 1948
(ii) 20.01 से 30.0 तक थोड़ी कम गंभीर संकट गुलाबी 1093
(iii) 10.01 से 20.0 तक थोड़ी बेहतर स्थिति में जल लेवल लाइट ग्रीन 1903
(iv) 5.01 से 10.0 अच्छी भूजल क्षमता ग्रीन 1304
(v) 3.01 से 5.0 जल भराव वाले गांवों के लिए बफर जोन पीला 618
(vi) 1.51 से 3.0 संभावित जल भराव पर्पल 333
(vii) 0.0 से 1.5 गंभीर जलभराव ब्लू 88

यह भी पढ़ें : Haryana Weather Updates : सर्दी कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ रही, जनजीवन अस्त-व्यस्त

यह भी पढ़ें : Ayodhya Ram Mandir : प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन इन चीजों पर बैन

यह भी पढ़ें : Model Divya Murder Case : 11वें दिन नहर से बरामद हुआ मॉडल दिव्या का शव

Amit Sood

Share
Published by
Amit Sood

Recent Posts

Panipat News: लव मेरिज के बावजूद पत्नी की हत्या करने की कोशिश, जेठ ने भी की घिनौनी हरकत

हरियाणा में जहाँ एक तरफ महिलाएं अक्सर देश में प्रदेश का नाम रोशन करती हैं…

1 second ago

Festival Season Guidline: सावधान! अगर दिवाली के मौके पर की हुड़दंगई, तो खानी पड़ सकती है जेल की हवा

हो जाइए सावधान क्यूंकि त्योहारों के मौके पर हरियाणा पुलिस ने हुड़दंगियों के लिए बेहतरीन…

32 mins ago

CM Nayab Saini: ‘हरियाणा को देंगे बड़ी सौगात’, दिवाली के मौके पर CM सैनी से बाबा रामदेव ने किया बड़ा वादा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत और कामियाबी हासिल करने के बाद CM सैनी हरिद्वार…

1 hour ago

Haryana Speaker: नए विधायकों को नियमों की जानकारी देने के लिए उठाया जाएगा बड़ा कदम: हरविंद्र कल्याण

हरियाणा में हाल ही में नायब सरकार के सभी विधायकों ने जीत दर्ज करने के…

2 hours ago

AAP-Congress Alliance: चार बार की बात के बाद कांग्रेस ने…,गठबंधन को लेकर AAP नेता ने खोले कांग्रेस के काले चिट्ठे

हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस और आप का गठबंधन काफी चर्चाओं में रहा लेकिन…

3 hours ago

Mahendragarh Accident : क्रेटा कार ने बाइक को मारी टक्कर बाइक सवार मामा की मौत, भांजा घायल

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mahendragarh Accident : गांव पायगा के पास एक क्रेटा कार…

11 hours ago