India News (इंडिया न्यूज), Group-D CET Exam Updates, चंडीगढ़ : हरियाणा में ग्रुप-डी की आज और कल 2 दिन चलने वाली परीक्षा (CET) शनिवार से शुरू हो चुकी है। परीक्षा के सफल आयोजन के लिए सरकार की ओर से कड़े इंतजाम किए गए हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित की जा रही परीक्षा के लिए 13,75,151 अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है। दावों के विपरीत कुछ जिलों में ही अभ्यर्थियों की फेस स्कैनिंग से एंट्री हो पाई।
परीक्षा सुबह-शाम दो शिफ्टों में आयोजित की जा रही ह। पहली शिफ्ट की परीक्षा सुबह 10 से 11:45 बजे तक हुई और अब दोपहर 3 से 4:45 तक दो सत्रों में परीक्षा आयोजित होगी। एक शिफ्ट में करीब साढ़े 3 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
ग्रुप डी पदों के लिए सीईटी परीक्षा 21 और 22 अक्टूबर, 2023 को आयोजित की जाएगी, जिसका संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा। इस परीक्षा के लिए 13,75,151 अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है।
सीईटी परीक्षा के लिए चंडीगढ़ समेत प्रदेश के 17 जिलों नामतः पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, कैथल, हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा, पलवल, मेवात में नारनौल और रेवाड़ी में 798 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा सुबह और शाम दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। सुबह 10 बजे से 11.45 बजे तक और दोपहर 3 बजे से 4.45 तक दो सत्रों में परीक्षा आयोजित होगी। इस प्रकार, एक शिफ्ट में करीब साढ़े 3 लाख बच्चे परीक्षा देने आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हरियाणा के बारे में यह कहा जाता था कि यहां नौकरियां खरीदी जाती हैं। लेकिन हमने मिशन मेरिट का संकल्प लिया और सरकारी भर्तियां बिना किसी पर्ची व खर्ची के देनी शुरू की। इस बार भी मेरिट पर भर्ती करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर की तैनाती और वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने व निगरानी के लिए अलग से अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 21 व 22 अक्तूबर को सप्तम व अष्टमी का उत्सव है, इसलिए परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ विशेषकर महिला अध्यापकों के लिए फलाहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में अभ्यर्थियों के लिए ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इसके लिए उपायुक्त अपने-अपने जिलों में धर्मशालाओं को चिन्हित कर लें। साथ ही, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के साथ भी समन्वय स्थापित कर पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
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