India News Haryana (इंडिया न्यूज), Guru Nanak Jayanti : प्रथम पातशाही गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव पर शुक्रवार को प्रदेश के सभी गुरुद्वारों में रखे गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग डाला गया तथा धार्मिक दीवान सजाए गए। अलसुबह ही प्रदेश के सभी गुरुद्वारों में संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेककर अपने गुरु के जन्मदिन के प्रति अपनी खुशी का इजहार किया। गुरुघर के प्रवक्ताओं ने संगत को बताया कि गुरु नानक देव जी महाराज ने प्रत्येक प्राणी को जीवन जीने की राह दिखाई। उनका त्याग, तप और ज्ञान हमेशा संसार को प्रेरित करता रहेगा। उनकी दी हुई शिक्षाएं गुरुग्रंथ साहिब में मौजूद हैं।
श्री गुरु नानक देव ने इक ओंकार का संदेश फैलाया। जिसका अर्थ है एक ईश्वर। जो अपनी हर रचना में वास करता है। दोपहर बाद सभी गुरुद्वारा में गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। जींद के गुरुद्वारा बंदा बहादुर साहिब में हजूरी रागी भाई कश्मीर सिंह के रागी जत्थे द्वारा गुरबाणी कीर्तन गायन किए गए। अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत सहित सभी जिलों के गुरुद्वारों में दीवान सजाए गए।
जींद के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में सजाए गए धार्मिक दीवान में नानकसर साहिब पंजाब से आए भाई गुरमुख सिंह एवं प्रचारक भाई मनप्रीत सिंह ने सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानन होया शब्द की व्याख्या में संगतों को गुरु नानक देव जी की जीवनी से रू-ब-रू करवाया।
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हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सदस्य बीबी परमिंदर कौर ने गुरु नानक देव की शिक्षाओं से संगतों को अवगत करवाया और साथ ही गुरु नानक देव जी की बाणी का बखान किया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक साहिब का मानना था कि प्रत्येक व्यक्ति के समीप भगवान का निवास होता है, इसलिए हमें धर्म, जाति, लिंग, राज्य के आधार पर एक दूसरे से भेदभाव नहीं करना चाहिए।