गुरुग्राम/हनु सैनी
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में एक बडा आंकडा सामने आया है.जिसमें लगभग 12 लाख 50 हजार के करीब बच्चे गायब हो गए है.ये वो बच्चे है.जिनका इस साल स्कूलों में दाखिला नही हुआ है.शिक्षा विभाग से लेकर सरकार तक सकते में आ चुके है.
कोरोना की महामारी के बीच हरियाणा में बेहद चौंका देने वाली खबर सामने आई है. इस साल हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 12.5 लाख बच्चें अचानक गायब हो गए है. शिक्षा विभाग के पोर्टल पर छात्रों का जो डाटा अपडेट किया जाता है. उससे हैरान कर देने वाली जानकारी मिली है. कि 12.5 लाख बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दोबारा दाखिले ना होने पर शिक्षा मंत्री ने भी चिंता जताई है. शिक्षा मंत्री के मुताबिक उन्हें भी ये जानकारी मिली है और वे इस बारे में विभाग के अधिकारियों से भी बात करेंगे की पोर्टल से 12.5 लाख बच्चों का डाटा गायब होने की असल वजह क्या है.
हरियाणा में सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों को स्टूडेंट का डाटा पोर्टल पर दर्ज करना पड़ता है. जिसके बाद हर एक स्टूडेंट की यूनिक आईडी बनती है. लेकिन इस साल जब डाटा को देखा गया तो 12.5 लाख स्टूडेंट उसमें कम थे जबकि सरकारी स्कूलों में 1.5 लाख स्टूडेंट का ज्यादा एडमिशन हुआ है. इसके पीछे प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस और सरकारी स्कूलों के सीबीएसई में अपग्रेड होने को माना जा रहा है. हरियाणा शैक्षिक शिक्षा संस्थान (प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन) के मुताबिक इनमें से ज्यादातर वो स्टूडेंट है जो कोरोना औऱ लॉकडाउन की वजह से हुई आर्थिक तंगी के कारण अपने गांव निकल गए थे. लेकिन सरकारी हो या प्राइवेट स्कूल इस मुद्दे को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा नजर नहीं आ रहे है. बस कोशिश अपने अपने तर्को से खुद को सही साबित करने की है।