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Gurugram Crime News : फर्जी दस्तावेजों पर खोल रहे थे खाता, … आखिर क्यों, बैंक के डिप्टी मैनेजर समेत दो दबोचे

• LAST UPDATED : October 21, 2024
  • साइबर ठगी की वारदातों को दिया जा रहा था अंजाम

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Gurugram Crime News : साइबर क्राइम को अंजाम देने में अब बैंक कर्मचारी भी पीछे नहीं है। ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम में सामने आया है। यहां गुरुग्राम पुलिस थाना साइबर अपराध पश्चिम को एक व्यक्ति ने शेयर मार्केट में पैसा लगाकर मुनाफा कमाने के नाम पर 24.60 लाख रुपए की ठगी की शिकायत दी। शिकायत पर थाना साइबर अपराध पश्चिम ने तुरंत जांच जुटाई । इस पर पुलिस ने साइबर ठगी में संलिप्त यूको बैंक के कर्मचारी समेत 2 को गिरफ्तार किया है।

Gurugram Crime News : ये हुई बैंक कर्मचारी और दूसरे की पहचान

आपको यह भी जानकारी दे दें कि सहायक पुलिस आयुक्त ( प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा 2 आरोपियों को राजस्थान से दबोचा गया है जिनकी पहचान कनिष्क विजय वर्गीय निवासी मांगरोल (राजस्थान) और राम अवतार निवासी कुसुम विहार जगतपुरा, जयपुर (राजस्थान) के रूप में हुई।

आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो एक आरोपी ने बताया वह राम अवतार यूको बैंक मानसरोवर, जयपुर (राजस्थान) शाखा में डिप्टी मैनेजर के पद पर काम करता है और काफी वर्षों से बैंक में है। इस मामले की ठगी में प्रयोग किया गया बैंक खाता आरोपी कनिष्क और आरोपी राम अवतार (बैंक कर्मचारी) ने मिलीभगत करके फर्जी दस्तावेज पर खुलवाया था ताकि साइबर क्राइम कर सकें। बैंक खाता उपलब्ध कराने पर 7-7 हजार रुपए मिलते थे।

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बैंक खाता आरोपी कनिष्क ने अन्य आरोपी को साइबर ठगी के लिए उपलब्ध करवाया था। बैंक खाता उपलब्ध करवाने के लिए आरोपी बैंक कर्मचारी और आरोपी कनिष्क को लगभग सात-सात हजार रुपये मिलते थे। दोनों आरोपियों द्वारा सात बैंक खाते फर्जी पते पर खोलकर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाए गए। पुलिस मामले की जांच में जुटी है ताकि अन्य जानकारी का खुलासा हो सके।

साइबर अपराध क्या है?

साइबर अपराध एक सामान्य शब्द है जो कंप्यूटर, नेटवर्क या डिजिटल उपकरणों के किसी अन्य सेट का उपयोग करके की जाने वाली असंख्य आपराधिक गतिविधियों का वर्णन करता है। साइबर अपराध को साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली अवैध गतिविधियों की विशाल श्रृंखला के अंतर्गत माना जाता है। इनमें हैकिंग, फ़िशिंग, पहचान की चोरी, रैनसमवेयर और मैलवेयर हमले, कई अन्य शामिल हैं।

साइबर अपराध की पहुंच कोई भौतिक सीमा नहीं होती। अपराधी, पीड़ित और तकनीकी अवसंरचना दुनियाभर में फैली हुई है। व्यक्तिगत और उद्यम स्तर पर सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ, साइबर अपराध कई रूप लेता है और लगातार विकसित होता रहता है। बदले में, साइबर अपराधों की प्रभावी जांच, मुकदमा चलाने और उन्हें रोकने की क्षमता कई गतिशील चुनौतियों के साथ एक सतत लड़ाई है।

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