गुरुग्राम
मॉनसून की पहली बारिश ने जहां आम आदमी को झुलसाती गर्मी से राहत दी, तो वहीं मानसून की पहली बारिश ने जगह-जगह जल भराव जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिससे जिला प्रशासन के उन तमाम दावों की पोल भी खोल दी, जिसमें कहा गया था कि इस बार की बारिश में वाटर लॉगिंग जैसी स्थिति पैदा ही नही होगी।
बता दें शहर में एक घंटे की झमाझम बारिश के बाद मौसम तो सुहाना हो गया, लेकिन जगह-जगह जल भराव हो गया. नौकरी पेशा और दोपहिया वाहन चालकों की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया. जल भराव इस कदर था कि लोगो का पैदल चलना भी दुश्वार सा हो गया. वही स्थानीय लोगो की माने तो हर साल करोड़ो रूपये खर्च कर यह दावे किए जाते है कि इस साल की बारिश में जल भराव नहीं होगा अगर होगा तो महज कुछ मिनटों में ही सारा पानी ड्रेनेज के जरिये डिस्चार्ज हो जाएगा लेकिन वास्तविकता जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर जरूर नज़र आ रही है
यानी वही ढाक के तीन पात वाली कहावत जिला प्रशासन के दावों पर बिल्कुल सटीक बैठती दिख रही है जिसमे दावे और दावो की पोल खोलती यह तस्वीरें अधिकारियों को आइना दिखा रही है।