होम / Illegal Construction : हरियाणा में अवैध निर्माण में गुरुग्राम सबसे आगे

Illegal Construction : हरियाणा में अवैध निर्माण में गुरुग्राम सबसे आगे

• LAST UPDATED : March 30, 2024
  • गुरुग्राम के अलावा अंबाला, रोहतक, करनाल और नूंह में अवैध निर्माण को लेकर सबसे ज्यादा एफआईआर

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Gurugram leads in illegal construction in Haryana, चंडीगढ़ : हरियाणा में अवैध निर्माण निरंतर परेशानी का सबब बनता जा रहा है। सरकार द्वारा अवैध निर्माण, अवैध रूप से काॅलोनी काटने और अतिक्रमण के खिलाफ वृहद स्तर पर अभियान चलाने के दावे लगातार किए जाते हैं, लेकिन स्थिति कमोबेश वैसी ही बनी हुई है।

हकीकत भी है कि अवैध निर्माणों और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई हो भी रही है, लेकिन अवैध निर्माण में संलिप्त लोगों के हौंसले बुलंद हैं और इनमें कोई कमी नहीं आ रही। साथ ही अवैध कॉलोनी काटने का काम भी जारी है। इसी कड़ी में सामने आया है कि हरियाणा में करीब साढ़े पांच महीने की अवधि में हरियाणा स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो (एचएसईनबी) द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हर माह औसतन 30 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं।

ये भी बता दें कि नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में पड़ने वाले हरियाणा के जिलों में अवैध निर्माण के मामले कहीं ज्यादा हैं जिन पर अंकुश लगाए जाने की जरुरत है। वहीं दूसरी तरफ अवैध निर्माण के मामलों में विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कई दफा सवालों के घेरे में रही है और अधिकारियों के मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है।

हरियाणा में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण यहां

ब्यूरो द्वारा अवैध निर्माण को लेकर की गई एफआईआर में सामने आया है कि देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा का गुरुग्राम जिला एक तरफ और बाकी जिले दूसरी तरफ। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 17 जुलाई 2023 से लेकर 31 दिसंबर, 2023 तक की अवधि में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एनफोर्समेंट ब्यूरो ने कुल 273 एफआईआर दर्ज की हैं।

आपको जानकार हैरानी होगी कि अकेले गुरुग्राम में ही अवैध निर्माण को लेकर 107 एफआईआर दर्ज की गई हैं जो साफ दर्शाता है कि गुरुग्राम में अवैध निर्माण चरम पर है। इसके बाद सबसे ज्यादा 57 एफआईआर एनसीआर में ही आने वाले रोहतक में हुई हैं। इनके अलावा सीएम सिटी कर्ण में 34 और कुरुक्षेत्र में 14 एफआईआर की गई हैं। साथ ही भिवानी में 13, अंबाला में 8, यमुनानगर में 7, चरखी दादरी में 7, कैथल में 6, झज्जर में 5, हिसार में 5, पानीपत में 4 और फरीदाबाद में 4 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

साढ़े पांच महीने में 138 डिमोलिशन ड्राइव

जानकारी में सामने आया है कि अवैध निर्माण को लेकर एनफोर्समेंट ब्यूरो द्वारा साढ़े पांच महीने की अवधि में 138 ड्राइव कंडक्ट की गई हैं जिसमें अवैध निर्माण को तोड़ा गया। इनमें सबसे ज्यादा 28 तोड़फोड़ अभियान अंबाला में संचालित हुए तो वहीं गुरुग्राम में 24 डिमोलिशन ड्राइव कंडक्ट की गई। इनके अलावा रोहतक में 19, कैथल में 13, नूंह में 12, हिसार में 12, जींद में 7, फरीदाबाद में 5, भिवानी में 5 और कुरुक्षेत्र में दो ड्राइव कंड़क्ट की गई। इनके अतिरिक्त पलवल, सोनीपत, फतेहाबाद और और रेवाड़ी में 4, प्रत्येक 1 ड्राइव कंडक्ट की गई।

बॉक्स विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में

कई दफा ये भी सामने आया है कि अवैध निर्माण के पीछे अधिकारियों की भूमिका कई बार सवालों के घेरे में रही है। इसके अलावा नेता लोग भी इस मामले में पीछे नहीं हैं और अवैध निर्माण में सीधे तौर पर शामिल होने या फिर नेताओं की भूमिका को लेकर कई दफा सवाल उठे हैं। अवैध निर्माण को रोकने जाने वाले अधिकारियों के हवाले से यह गोपनीयता उजागर हो रही है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए सिफारिश भी की जा रही है।

वहीं अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में जनप्रतिनिधियों द्वारा हस्तक्षेप किया जाना कोई नई बात नहीं है। इसके कारण प्रदेश में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। खासकर छोटे-बड़े बिल्डर बिना नक्शा पास कराए अवैध रुप से निर्माण करा रहे हैं और फिर इस पर सवाल खड़े होते हैं तो फिर नेता लोग आगे की भूमिका का निर्वहन करते हैं।

यह भी पढ़ें : Haryana Youth Recounts Horror in Russia : हरियाणा के युवक ने बताई रूस की भयावहता: ‘मुझे जंगल में सिगरेट से जलाते थे’

अवैध निर्माण को वैध करने की पॉलिसी पर उठे सवाल

ये भी बता दें कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार द्वारा अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए बनाई गई पॉलिसी पर सवाल उठे और इसको चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब कर लिया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी निर्माण वैध होंगे, वह इस याचिका पर आने वाले फैसले पर निर्भर होंगे।

जनहित याचिका दाखिल करते हुए कृष्ण लाल गेरा ने हाईकोर्ट को फरीदाबाद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों ने अवैध तरीके से निर्माण करते हुए पब्लिक लैंड पर ही कब्जा किया हुआ है। निर्माण करते हुए न तो बिल्डिंग बायलॉज का ध्यान रखा जाता है और न ही पार्किंग पॉलिसी का। इसके खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी समय-समय पर आदेश जारी करते आए हैं। इस सबके बावजूद सरकार ने 26 जून 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी कर अवैध निर्माणों को वैध करने की घोषणा कर दी। इसके लिए फीस निर्धारित की गई है। याची ने कहा कि ऐसा करना न केवल गलत है, बल्कि म्यूनिसिपल एक्ट के भी खिलाफ है।

किसी भी सूरत में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

एके चावला, एडीजीपी और एचएसईएनबी, चीफ का कहना है कि एनफोर्समेंट ब्यूरो द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है और नियमित अंतराल पर ड्राइव कंडक्ट की जाती हैं, ताकि अवैध निर्माण करने वालों पर अंकुश लगाया जा सके। किसी भी सूरत में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नही जाएगा। अवैध निर्माण को न केवल ध्वस्त किया जा रहा है बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी की जा रही है।

यह भी पढ़ें : Sextortion in Gurugram : सेक्सटॉर्शन के आरोप में राजस्थान के दो भाई गिरफ्तार

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox