हांसी में स्थित मेम के बाग की जमीन के मामले में भाजपा के नेता राजेश ठकराल ने पत्रकार वार्ता करते हुए कई अहम खुलासे किए है। उन्होंने अपनी ही पार्टी के हांसी से विधायक विनोद भयाना पर कई गंभीर आरोप लागए है। उन्होंने कहा की ज्वाइंट कमीश्नर की जांच में मेम के बाग की जमीन के एक हिस्से पर निर्माण के लिए नगर योजनाकार विभाग द्वारा दी गई मंजूरी को गलत पाया है। वहीं, अब निर्माणाधीन दुकानों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। क्योंकि जिस रिपोर्ट के आधार पर नगर परिषद ने नक्शे जारी किए गए हैं। वही रिपोर्ट जांच में गलत साबित हो गई है।
राजेश ठकराल लंबे समय से मेम के बाग की जमीन के मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी शिकायत पर ही नगर निगम के कमीश्नर द्वारा ज्वाइंट कमीश्नर की अगुवाई जांच करवाई गई है जिसमें मेम के बाग की जमीन के एक हिस्से पर डीटीपी द्वारा जारी की गई मंजूरी को नियमों के विरुद्ध पाया। ठकराल ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि पूरी तरह से गलत तरीके से एनओसी व नक्शे पास किए गए हैं।उन्होंने दावा किया है कि मेम के बाग की जमीन पर जो अवैध निर्माण हो रहे हैं उनपर जल्द कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि जांच में ज्वाइंट कमीश्नर ने साफ लिखा है कि डीटीपी द्वारा मेम के बाग की जमीन को लेकर जो दस्तावेज जारी किए गए हैं उनमें गंभीर विरोधाभास है। इसके अलावा सेक्शनर 7 उल्लंघन को लेकर भी जांच में बात सामने आई है कि अर्बन डेवलेपमेंट एक्ट के जिस सेक्शन का उल्लंघन ना होने के पत्र जारी किए गया है उसका उल्लंघन भी भूमाफियाओं द्वारा किया गया है।
राजेश ठकराल भाजपा के वरिष्ठ नेता है और शुरुआत से ही पार्टी के वफादार कार्यकर्ता हैं। गुरुवार शाम को ही उन्होंने पत्रकार वार्ता करने का ऐलान कर दिया था, लेकिन सुबह वह रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता के लिए पहुंचे तो रेस्ट हाउस के गेट बंद मिले। वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देश भी रेस्ट हाउस बंद है। इस मामले में राजेश ठकराल ने सीधे विधायक विनोद भयाना पर आरोप लगाए कि उनके इशारे पर ही रेस्ट हाउस को बंद किया गया है।भाजपा नेता राजेश ठकराल ने कहा मेम के बाग के मामले में विधायक विनोद भयाना की संलिप्तता है और प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर व गृह मंत्री अनिल विज के समक्ष भी पूरा मामला रखा जाएगा। इससे पूर्व भी सरकार के सामने ये मामला रखा था जिसके बाद एफआइआर भी दर्ज हुई थी। डीटीपी द्वारा जारी पत्र में विधायक के भाई के अलावा अन्य सदस्य का भी नाम है जिसका नाम एफआइआर में शामिल नहीं किया गया। इस मामले में प्रदेश सरकार जल्द कार्रवाई करेगी और ये अवैध दुकानें टूटेगी।