होम / Haryana 2023 : नूंह की सांप्रदायिक हिंसा, हरियाणावासियों के लिए आरक्षण खारिज जैसी घटनाएं अहम रहीं

Haryana 2023 : नूंह की सांप्रदायिक हिंसा, हरियाणावासियों के लिए आरक्षण खारिज जैसी घटनाएं अहम रहीं

• LAST UPDATED : December 29, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Haryana 2023, चंडीगढ़ : राष्ट्रीय राजधानी के समीप नूंह में धार्मिक जुलूस पर हमले में 6 लोगों की मौत तथा हरियाणा के वाणिज्यिक एवं प्रौद्योगिकी केंद्र गुरुग्राम समेत इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति, इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी आदि राज्य की इस साल की कुछ बड़ी घटनाओं में शामिल रहीं। पिछले साल हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार को एक झटका तब लगा, जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने के हरियाणा सरकार के कानून को खारिज कर दिया।

भाजपा-जजपा अगला चुनाव मिलकर लड़ेंगे या नहीं…

इस सत्तारूढ़ गठबंधन की कनिष्ठ सहयोगी जजपा ने इस आरक्षण पर जोर दिया था। दोनों ही घटक दल किसी भी सूरत में स्पष्ट रूप से यह बताने में हिचकते रहे कि वे अगला चुनाव मिलकर लड़ेंगे या नहीं। नूंह हिंसा से महीनों पहले राज्य प्रशासन को पड़ोसी राजस्थान के दो मुस्लिम व्यक्तियों की मौत को लेकर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा। हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई कार से इन दोनों के शव मिले थे।

इन दोनों के रिश्तेदारों ने उनकी मौत के लिए गौरक्षकों तथा उन पर समय से कार्रवाई नहीं करने को लेकर हरियाणा पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था जिसमें पुलिस ने इस आरोप का खंडन किया था। जुलाई में नूंह में विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में निकाले गए जुलूस पर हमला किया गया, जिसमें दो होमगार्ड जवान समेत 5 लोगों की जान चली गई। उसके बाद छिटपुट हिंसा हुई। गुरुग्राम में एक मस्जिद में हमला कर एक मौलवी की हत्या कर दी गई।

कांग्रेस विधायक मम्मन खान…

जिस क्षेत्र में जुलूस पर हमला किया था, वहां अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए जाने पर उच्च न्यायालय ने उसका स्वत: संज्ञान लिया और सवाल किया कि क्या यह ‘जातीय सफाये’ की कार्रवाई है। बाद में नूंह हिंसा से जुड़े चार मामलों में कांग्रेस विधायक मम्मन खान को गिरफ्तार किया गया। उनकी पार्टी ने राज्य सरकार पर ‘राजनीतिक रूप से परेशान करने एवं निशाना बनाने’ का आरोप लगाया।

नूंह हिंसा से मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच तनावपूर्ण संबंध की ओर भी लोगों का ध्यान गया। विज ने नूंह में तनाव पैदा होने की खुफिया सूचना होने से इनकार किया और संवाददाताओं से कहा कि सीआईडी विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री के पास ही ‘सारी सूचनाएं’ होती हैं।

अक्टूबर में विज ने उनके स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा ‘दखल’ देने पर नाखुशी भी प्रकट की तथा कई सप्ताह तक फाइलों को मंजूरी नहीं दी। भाजपा और जजपा के बीच मतभेद के संकेत भी सामने आए तथा दोनों ही दलों के नेताओं ने समय-समय पर एक-दूसरे पर निशाना साधा।

निजी क्षेत्र में नौकरियों में हरियाणावासियों के लिए आरक्षण के खिलाफ उच्च न्यायालय का फैसला खासकर जजपा के लिए एक झटका था, जिसने इसे एक चुनावी मुद्दा बनाया था। उच्च न्यायालय ने आरक्षण को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। खेल-कूद का केंद्र समझे जाने वाले हरियाणा ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। हरियाणा के खिलाड़ियों ने चीन में एशियाई खेलों में देश को मिले कुल 107 पदकों में से 30 जीते।

पहलवान, खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण के मामलों की भी रही गूंज

हालांकि हरियाणा के पहलवान, खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण को लेकर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई सप्ताह तक प्रदर्शन का हिस्सा रहे। यह विवाद अब भी जारी है। जींद और कैथल में इस आरोप को लेकर जनाक्रोश रहा कि कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया। इन मामलों में दो सरकारी विद्यालयों के प्राचार्यों की गिरफ्तारी की गई।

इस साल के प्रारंभ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व इंडिया हॉकी कैप्टर संदीप सिंह से खेल विभाग अपने हाथों में ले लिया। सिंह पर चंडीगढ़ पुलिस ने यौन उत्पीड़न के सिलसिले में 2022 में एक मामला दर्ज किया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल से सिंह को बर्खास्त करने की विपक्ष की मांग नहीं मानी।

जहरीली शराब से 50 मौतें

जुलाई में बाढ़ एवं वर्षाजनित घटनाओं में करीब 50 लोगों की मौत हो गई। नवंबर में यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से करीब 20 लोगों ने जान गंवायी। हरियाणा और आप शासित दिल्ली के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ को लेकर वाकयुद्ध हुआ। अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस स्थिति के लिए हरियाणा से यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार बताया। हरियाणा ने इस आरोप का खंडन किया।

पराली जलाने के मामले

पराली जलाने को लेकर भी हरियाणा का दिल्ली के साथ वाकयुद्ध रहा। आप ने हरियाणा पर दोष मढ़ा लेकिन हरियाणा ने आप शासित पंजाब पर अंगुली उठायी। पराली जलाने से राष्ट्रीय राजधानी में हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है।

यह भी पढ़ें : Chief Justice Sheel Nagu : शील नागु होंगे पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस

यह भी पढ़ें : Doctors Strike : बैठक रही बेनतीजा, डॉक्टर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

यह भी पढ़ें : SYL Canal Dispute : सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को मानने से इनकार कर अड़ियल रवैया अपना रही पंजाब सरकार : मनोहर लाल

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT