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Haryana Assembly : हरियाणा सरकार 14 फसलों की MSP पर करती है खरीद

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : February 20, 2024
  • किसानों के खातों में डाले गए 836.12 करोड़ रुपये

India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Assembly, चंडीगढ़ : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार कृषि को लाभप्रद बनाने और किसानों के लिए कल्याण व उनके आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने 14 फसलों की एम.एस.पी. पर खरीद करके एक देशभर में अनूठा उदाहरण पेश किया है। इतना ही नहीं, मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के खातों में पिछले 7 सीजन में खरीदी गई फसल की एवज में लगभग 90 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे डाली गई है। इसके अलावा, किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा भावांतर भरपाई योजना शुरू की है। भावांतर भरपाई योजना के अन्तर्गत बाजरा उत्पादक किसानों के बैंक खातों में 836.12 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है।

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्य के 19.94 लाख किसानों के खातों में गत चार वर्षों में 4157.73 करोड़ रुपये की राशि सीधे जमा करवाई गई है। साथ ही, राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं में ढाल बनकर किसान के साथ खड़ी रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 32.06 लाख किसानों को उनकी फसल खराब होने पर लगभग 8,178 करोड़ रुपये के क्लेम दिये गये हैं। प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होने पर मुआवजा राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये की गई है। गत चार वर्षों में प्राकृतिक आपदा से फसलें खराब होने पर किसानों को लगभग 1845.95 करोड़ रुपये की राशि मुआवजे के रूप में दी गई।
प्राकृतिक खेती के लिए 13,388 किसानों ने कराया पंजीकरण

राज्यपाल ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को गिरावट से बचाने और खतरनाक कीटनाशकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती योजना लागू की है। इसके लिए शुरू किए गए समर्पित प्राकृतिक खेती पोर्टल पर अब तक 13,388 किसानों ने अपना पंजीकरण किया है। कुरुक्षेत्र गुरुकुल, जिला करनाल के घरौंडा, जीन्द के हमेटी तथा सिरसा के मंगियाना में 4 प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र खोले गये हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 1 लाख 72 हजार एकड़ क्षेत्र में धान की जगह वैकल्पिक फसलें बोने पर 7,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से लगभग 117.22 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। समय पर ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को बिना ब्याज फसली ऋण की सुविधा दी गई है। प्रदेश में 12 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से कुछ में इजराइल की तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।

जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हरियाणा सरकार

राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार पानी की एक-एक बूंद का इष्टतम उपयोग करने तथा वितरण में होने वाली पानी की बर्बादी को कम करने के लिए, नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। हर खेत को पानी मुहैया करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2023-24 के दौरान रीमॉडलिंग और पुनर्वास की 72 परियोजनाएं पूरी की गई हैं। इनमें जे.एल.एन. फीडर तथा हांसी शाखा की प्रमुख परियोजनाएं भी शामिल हैं। डार्क जोन में खेतों में एकत्रित हुए बारिश के पानी से भू-जल पुनर्भरण के लिए 893 रिचार्ज वैल का निर्माण किया गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान जिला महेंद्रगढ़ में 5 चेक डैम और 26 जलाशयों का निर्माण कर लगभग 250 करोड़ लीटर पानी संरक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। तालाबों के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प के साथ-साथ गन्दे पानी के उपचार एवं प्रबंधन के उद्देश्य से हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है। अमृत सरोवर मिशन के तहत 1689 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चुका है। राज्य सरकार यमुना तथा उसकी सहायक नदियों-गिरि और टोंस से राज्य को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यमुना नदी के ऊपरी हिस्से पर रेणुका, किशाऊ और लखवाड़ व्यासी बांधों के निर्माण के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। इन बांधों के पूरा होने पर हरियाणा को कुल भंडारित पानी का 47.81 प्रतिशत पानी मिलेगा।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने सरस्वती नदी में प्रवाह के लिए सरस्वती नदी पुनरुद्धार तथा धरोहर विकास परियोजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत 388.16 करोड़ रुपये लागत की एक परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। आदिबद्री बांध के निर्माण हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन हो गया है। यह बांध हिमाचल सरकार द्वारा बनाया जा रहा है, जिसके जून, 2026 तक पूरा होने की सम्भावना है। इसके अलावा, सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध हिस्सा प्राप्त करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में निरंतर ठोस पैरवी की जा रही है।

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