इंडिया न्यूज, Haryana News : कृषि प्रधान राज्य की पहचान से खेलों का सिरमौर बनने तक का हरियाणा का सफर कई मायनों में उल्लेखनीय रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) के नेतृत्व में प्रदेश में खेलों का एक ऐसा माहौल तैयार हुआ है कि आज हरियाणा का दूसरा नाम मेडल की खान बन चुका है। प्रदेश के खिलाड़ी लगातार ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक जीतकर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत प्रदेश के खिलाड़ी हरियाणा का नाम विश्वपटल पर चमका रहे हैं। अनेक मौकों पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा सरकार द्वारा खेलों को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की है।
हरियाणा सरकार की खेलों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने संदीप सिंह, जो भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं, को राज्य का खेल मंत्री बनाया है ताकि खेलों पर विशेष ध्यान देकर उम्दा खिलाड़ी तैयार किए जा सकें।
वहीं आपको बता दें कि आज हरियाणा खेल क्षेत्र में अपनी एक अनूठी पहचान बना चुका है। इसी के फलस्वरुप हाल ही में पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 का सफल आयोजन कर हरियाणा ने एक सफल आयोजनकर्ता के रूप में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
हरियाणा सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर बच्चों में खेल संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से राज्य में खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इस कड़ी में प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां चलाई जाएंगी। 500 नर्सरियां विभागीय प्रशिक्षण केन्द्रों तथा 600 खेल नर्सरियां सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थानों, निजी खेल अकेडमियों, निजी खेल प्रशिक्षण केन्द्र में स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। मोरनी में मिल्खा सिंह साहसिक खेल एकेडमी भी स्थापित की गई है।
इसके अलावा, प्रत्येक गांव में एक-एक युवा क्लब स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। राज्य मे अब तक 4912 गांवों में युवा क्लबों का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, राज्य में चार अनुसूचित खिलाड़ी खेल छात्रावास स्थापित किए जा रहे हैं। अम्बाला मे खेल छात्रावास का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा हिसार, सिरसा तथा फतेहाबाद में खेल छात्रावास के निर्माण का कार्य चल रहा है।
वर्तमान राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए विजेता खिलाड़ियों को सर्वाधिक पुरस्कार राशि दी जा रही है। ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण विजेता को 6 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक विजेता को 2.50 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
पैरालम्पिक खिलाड़ियों को भी ओलम्पिक पदक विजेताओं की तर्ज पर तथा प्रतिभागिता करने पर सामान्य खिलाड़ियों की भांति समान नकद पुरस्कार प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 15 लाख रुपए देने का भी प्रावधान किया गया है।
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