इंडिया न्यूज, Haryana Cabinet Meeting : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Haryana CM Manohar Lal) की अध्यक्षता में यहां मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।
रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। हालांकि, आयोग ने केवल पंचायती राज संस्थानों में ऐसा प्रावधान किए जाने के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अनुपात की ही सिफारिश की है, इसलिए संबंधित विभाग किसी भी स्तर पर पिछड़े वर्ग (ए) के लिए आरक्षित की जाने वाली सीटों के रोटेशन को तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
आयोग ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच का पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किए जाने की सिफारिश की है और इस प्रकार उस ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में ग्राम पंचायत की सीटों की कुल संख्या के उसी अनुपात में आरक्षित की जाएगी। यदि डेसिमल वेल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
बशर्ते कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का 2 प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा। इसी प्रकार, एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित होगा।
प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़े वर्ग (ए) के लिए आरक्षित होंगे और इस प्रकार ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़े वर्ग की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में पंचायत समिति में सीटों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित होंगी। यदि डेसिमल वेल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला परिषद में सदस्य के पद पिछड़े वर्गों (ए) के लिए आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या, जिला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़े वर्ग की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में जिला परिषद में सीटों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित होंगी। आरक्षण अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
आयोग द्वारा इन सिफारिशों को स्पष्ट करते हुए उदाहरण दिया गया है कि मान लीजिए गांव में पिछड़े वर्ग ब्लॉक ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है तो 12.5 प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) के नागरिकों के लिए आरक्षित होंगी।
जहां किसी दिए गए गांव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। जहां अनुसूचित जाति की आबादी ग्राम सभा की आबादी का 40 प्रतिशत है और ग्राम सभा में 10 सीटें हैं तो 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी और एक सीट पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के लिए उपलब्ध होगी। ऊपर उल्लिखित अन्य शर्तें लागू रहेंगी। ग्राम सभा में पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) की आबादी 2 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर उन्हें ग्राम पंचायत में एक सीट मिलेगी, भले ही उनके लिए उपलब्ध आरक्षण के प्रतिशत के अनुसार उनके लिए कोई भी सीट उपलब्ध न हो।
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