इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana CM Press Conference हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में मेरा कोई सगा नही है, जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हर आरोपी के खिलाफ जांच के बाद सख्त से सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई आईएएस अधिकारी हो या अन्य कोई। मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता कर यह बात कही। फरीदाबाद नगर निगम भ्रष्टाचार के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कुल 9 केस दर्ज किए गए हैं, जिनकी जांच पुलिस या विजिलेंस द्वारा की जा रही है। सरकार इस पर नजर बनाए हुए है, उनकी कोशिश है कि निर्दोष कोई न फंसे और दोषी बच न पाए। एक-एक केस की जांच पूरी गहनता के साथ चल रही है। एक दिन पहले भी एक जांच की रिपोर्ट आई है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। इस मामले में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने सदन में विस्तृत जवाब भी दिया है।
सीएम ने कहा कि बल्लभगढ़ कल्पना चावला सिटी पार्क की जमीन नगर निगम की है। निगम में आने से पहले यह जमीन शामलात देह रही होगी। बाद में पटवारी ने इस जमीन का मालिकाना हक किसी व्यक्ति के नाम कर दिया। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला गया और उन कागजात की वजह से नगर निगम केस हार गया। अब इस मामले को बजट सत्र में उस क्षेत्र के विधायक ने वाहवाही लूटने के लिए उठाया है परंतु सरकार अपना पक्ष मजबूती से सुप्रीम कोर्ट में रखेगी। पटवारी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। यह जमीन पब्लिक की है न कि किसी व्यक्ति विशेष की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शहरों में 50 प्रतिशत तक बनी हुई कॉलोनी ही अधिकृत होती थी लेकिन उन्होंने यह शर्त हटा दी है। अब 10 से 20 प्रतिशत तक बनी हुई कॉलोनी भी अधिकृत हो सकेंगी। इस तरह की कॉलोनी यदि खाली पड़ी है तो उसके डेवलेपमेंट चार्ज बिल्डर को देना होगा। जहां पर मकान बने हुए हैं उन्हें कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत चार्ज देना होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2021 तक के बीच 7-ए की आड़ में एनओसी के बिना गलत तरीके से की गई रजिस्ट्रियों की जांच सरकार करवा चुकी है। अब सदन में उन्होंने घोषणा की है कि 2010 से 2016 के बीच हुई इस तरह की रजिस्ट्रियों की जांच करवाई जाएगी।
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गुरुग्राम की चिंतल सोसाइटी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों इसके लिए अनिवार्य रूप से बिल्डिंगों का स्ट्रक्चरल आॅडिट होगा। चिंतल सोसाइटी को लाइसेंस वर्ष 2007 में कांग्रेस सरकार समय दिया था। इस बिल्डर द्वारा और भी कई टावर बनाए गए हैं। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। बिना आक्यूपेशन सर्टिफिकेट के बनाई गई बिल्डिंगों के मामले का भी अध्ययन किया जाएगा।
हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 पर विपक्ष द्वारा बार-बार विरोध क्यों किया जा रहा है, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लगता है कि इसके पीछे कांग्रेस का माइनोरिटी प्रेम झलकता है। अपनी मर्जी से कोई धर्म परिवर्तन करे लेकिन जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। धोखे से या किसी तरह का लालच देकर अगर धर्म परिवर्तन करवाया जाएगा तो उन पर कार्रवाई होगी। हालांकि आपीसी के तहत इन पर कार्रवाई हो रही है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग से एक्ट लाया गया है। हमारे से पहले कई राज्यों ने भी ऐसा ही एक्ट बनाया है।
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