इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana Cm Statement on Anganwadi Workers हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की मांगों को मानने के बावजूद उनके द्वारा आंदोलन किया जाना आम व्यक्ति की समझ से बाहर है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों से जुड़ा हुआ है। गर्भवती महिलाओं को जहां आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स द्वारा उनके पोषण से संबंधित जानकारी दी जाती है, वहीं बच्चों को दूध एवं अन्य पोषक तत्वों से भरपूर पोष्टिक आहार दिया जाता है। वर्तमान में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स द्वारा किए जा रहे आंदोलन से महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का भय बना हुआ है।
वहीं हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा (Kamlesh Dhanda) ने आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स से अपने आंदोलन को वापस लेने की अपील करते हुए कहा है कि वे कम्यूनिस्ट पार्टी से संबंधित नेताओं के बहकावे में किसी भी तरह से न आएं। उन्होंने आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की कुछ तथाकथित स्वार्थी नेताओं से भी आह्वान किया है कि वे महिलाओं और बच्चों के हितों को देखते हुए अपनी ड्यूटी पर लौट आएं।
ढांडा ने कहा कि गत 29 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों की सभी मांगों को बड़े इत्मीनान से सुना था और यूनियन की सभी मांगों को मान लिया था। यूनियन की पदाधिकारियों द्वारा उस दिन मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया गया था, परंतु कम्यूनिस्ट पार्टी के कुछ नेताओं ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को फिर से बरगला दिया और तेज ठंड में उनको आंदोलन में झोंक दिया।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि हरियाणा में कार्यरत आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को उत्तर भारत के राज्यों में सर्वाधिक व देशभर में दूसरे स्थान पर मानदेय (honorarium) एवं अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं जोकि गर्व एवं गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स को अपने हिस्से के मानदेय में सर्वाधिक 9961 रुपए का मासिक योगदान दिया जा रहा है, जबकि इसमें केंद्र का हिस्सा 2,700 रुपए है। यह योजना केन्द्र व राज्य सरकारों की 60:40 भागीदारी पर चलाई जा रही है।
उन्होंने भाजपा सरकार को आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स के हितों की रक्षा करने वाली बताते हुए कहा कि हरियाणा में वर्ष 2014 में आंगनबाड़ी वर्कर्स को 7500 रुपए और आंगनबाड़ी हेल्पर्स को 3500 रुपए बतौर मानदेय मिलता था जो कि अब लगभग दोगुना हो चुका है। इस समय हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स को प्रति माह कुल 12,661 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को 11,401 रुपए व सहायिका को 6,781 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। ढांडा ने अन्य राज्यों में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को दिए जाने वाले मानदेय की तुलनात्मक जानकारी देते हुए बताया कि तमिलनाडु में आंगनबाड़ी वर्कर्स को 12,200 रुपए, छत्तीसगढ़ में 6500 रुपए, मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपए, पश्चिम बंगाल में 8250 और पंजाब में 9500 रुपए मानदेय दिया जा रहा है जो कि हरियाणा से काफी कम है। इसी तरह मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को जहां हरियाणा में 11401 रुपए मानदेय दिया जा रहा है, वहीं तमिलनाडु में 9,400 रुपए, तेलंगाना में 7800 रुपए, छत्तीसगढ़ में 4,500 रुपए, मध्यप्रदेश में 5750 रुपए और पंजाब में 6300 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी हेल्पर्स की बात करें तो हरियाणा में 6781 रुपए, छत्तीसगढ़ में 3250 रुपए, मध्यप्रदेश में 5000 रुपए, पश्चिम बंगाल में 4800 रुपए और पंजाब में 5000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इन आंकड़ों से जाहिर हो रहा है कि हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्पर्स को अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा वेतन और सुविधाएं मिल रही हैं।
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महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स से संयम बरतने का आह्वान किया। ढांडा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पिछले दिनों आंगनबाड़ी वर्कर्स और मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को सेवानिवृत्ति पर 1 लाख रुपए तथा आंगनबाड़ी वर्कर्स को 50 हजार रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा आंगनबाड़ी वर्कर्स, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं सहायिकाओं को दुर्घटना होने उपरांत 2 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है। वहीं जो आंगनबाड़ी वर्कर्स 10 वर्ष से अधिक सेवा का अनुभव रखती हैं, उन आंगनबाड़ी वर्कर्स को वरिष्ठता एवं लिखित परीक्षा के आधार पर पॉलिसी के अनुसार पदोन्नत करने की घोषणा की गई है।
ढांडा ने आगे कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स द्वारा पूर्व में की गई ड्यूटी के लिए 1000 रुपए की एक मुश्त राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान करने की मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है। उन्होंने राजनैतिक विरोधियों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को निर्मूल करार देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा किसी आंगनबाड़ी वर्कर्स की छंटनी नहीं की जा रही है। साथ ही आईसीडीएस के निजीकरण की भी कोई योजना नहीं है।
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