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Haryana Cm Statement Today लार्ज स्केल पर प्रदेश की कृषि भूमि की पैमाइश होगी

• LAST UPDATED : February 1, 2022

Haryana Cm Statement Today

अगस्त 2022 तक मैपिंग कार्य पूरा
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana Cm Statement Today
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि मैपिंग का कार्य करने के लिए व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान में तेजी लाएं, ताकि प्रदेश की कृषि भूमि डाटा उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री आज यहां लार्ज स्केल लैंड मैपिंग को लेकर भू राजस्व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे।

3 चरणों में होगा लैण्ड मेपिंग कार्य : Haryana Cm 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश गांवों का ड्रोन बेस मैपिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है। स्वामित्व योजना की तरह प्रदेश की कृषि भूमि की मैपिंग का कार्य किया जाएगा और राजस्व रिकॉर्ड को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा। लार्ज स्केल मैपिंग कार्य को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमि की मैपिंग तथा इस पर बने हुए स्ट्रक्चर के मानचित्र बनाने का कार्य किया जाएगा। दूसरे चरण में शहरों में इंडस्ट्री क्षेत्रों की मैपिंग की जाएगी। इनसे पैमाइश के कार्य में सहायता मिलेगी।

रोवर्स मशीन से पटवारियों को किया जाएगा प्रशिक्षित

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि भूमि की मैपिंग का कार्य करने के लिए रोवर्स मशीन से पटवारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक तहसील स्तर पर दो दो रोवर्स (जीपीएस) मशीन खरीद कर मुहैया करवाई जाएंगी। हर तहसील को रोवर्स मशीन से जोड़ा जाएगा, ताकि खेतों की पैमाइश आसानी से की जा सके। प्रदेशभर में 19 स्थानों पर कंटीन्यूअस रैफ्रेसिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से आसपास के एरिया में 500 किलोमीटर के दायरे में जीपीएस लोकेशन का आसानी से पता चल सकेगा। इसके अलावा 16 जीआईएस लैब भी प्रदेशभर में स्थापित की गई हैं।

मजबूत रेफरेंस प्वाइंट लगाए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने बताया कि लार्ज स्तर पर लैंड मैपिंग का कार्य होने से सभी भूमि मालिकों की जमीन की जानकारी स्पष्ट हो सकेगी। इसके अलावा स्कूल, शमलाती ढांचा, धार्मिक स्थल आदि भूमि की लोकेशन भी सही मिल सकेगी। इसके अलावा गांवों में मुरब्बा स्टोन की तरह तकनीक आधारित 25 मुरब्बे के क्षेत्रफल में गहरे एवं मजबूत रेफरेंस प्वाइंट बनाए जाएंगे, जिससे मुरब्बा स्टोन की लोकेशन भी निर्धारित हो सकेगी। लोग जानकारी के लिए इन रेफरेंस प्वाइंट का उपयोग कर सकेंगे। इस प्रकार कृषि भूमि की पैमाईश में जीपीएस लोकेशन डबल तकनीक पर आधारित पैमाइश का लाभ मिलेगा।

अगस्त 2022 तक मेपिंग कार्य होगा पूरा

लैंड मैपिंग का कार्य करने के लिए करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में 3 टीमें लगाई गई। इसके अलावा 15 मार्च तक और टीमें लगाई जाएंगी। इस प्रकार प्रदेशभर में कुल 44 टीमें लैंड ड्रोन मैपिंग का कार्य करेंगी जिसे अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले 5 गांवों में ट्रायल बेस पर लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य किया गया। अब इसे पूरे प्रदेश में शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश में जमीन सुधार के लिए नया सिस्टम लेकर आ रही है। इसके माध्यम से सारी कृषि जमीन का रिकॉर्ड ही उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जमाबंदी के लिए भी नया फॉर्मेट तैयार किया गया है जिसमें पीपीपी का कॉलम जोड़ा गया है। कृषि भूमि को परिवार पहचान पत्र से भी जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

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