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Air Quality Index : पॉल्यूशन को लेकर हरियाणा, दिल्ली और पंजाब आमने-सामने

• LAST UPDATED : November 8, 2023
  • जहरीली हवा से प्रदेशवासियों का जीवन हलकान, सियासी गलियारों में उफान

  • हरियाणा बोला-जब हम पराली नहीं जला रहे तो दिल्ली के पॉल्यूशन के लिए हम कैसे जिम्मेदार

India News (इंडिया न्यूज), Air Quality Index, चंडीगढ़ : देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों चल रहे प्रदूषण के चलते लोग काफी हलकान हैं। स्थिति ये है कि लोगों का दम घुट रहा है। कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति हरियाणा के दर्जनभर जिलों में और दिल्ली से सटे फरीदाबाद और गुरुग्राम में नजर आ रही है जहां लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले को लेकर सियासत भी गरमा गई है। हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली और हरियाणा देश की राजधानी में प्रदूषण को लेकर आमने-सामने हैं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल वहां के प्रदूषण के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी के कई नेताओं ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में पराली जलाने के मामले नगण्य हैं तो हम इसके लिए जिम्मेदार कैसे। इस बात से भी हर कोई इत्तेफाक है कि हरियाणा में पराली जलाने के मामले निरंतर कम हुए हैं और कहीं न कहीं दिल्ली सरकार को वहां के प्रदूषण को रोकने के लिए मंथन करने की जरूरत है।

पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़े, अब क्यों नहीं बोल रहे केजरीवाल

वहीं आपको बता दें कि जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बनी थी तो अरविंद केजरीवाल लगातार वहां की संबंधित पार्टी की सरकार को कोसते थे, लेकिन जब से पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बनी है, वह अब दिल्ली के पॉल्यूशन के लिए पंजाब को नहीं बल्कि अकेले हरियाणा को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। अब इस पूरे मामले पर भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम सियासी दल अरविंद केजरीवाल पर इस बात को लेकर हमलावर हैं कि जब पराली पंजाब में ज्यादा जल रही है और पुराने समय में वह पंजाब को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते थे तो अब वह पंजाब को दिल्ली के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं ठहरा रहे। पूरे मामले में इस पहलू पर अरविंद केजरीवाल खुलकर कुछ नहीं बोल रहे।

Delhi Air Pollution

दिल्ली वायु प्रदूषण

पॉल्यूशन पर सियासी माइलेज के लिए विवादित बयान भी दे रहे नेता

इसके अलावा देश में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर नेता लोग संयम भी खो रहे हैं। पॉल्यूशन को लेकर पानीपत से भाजपा विधायक प्रमोद विज ने अरविंद केजरीवाल को लेकर विवादित सोशल मीडिया पोस्ट की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए इंडिया गेट के ऊपर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का हंसता हुआ चेहरा लगाकर प्रदूषण में जा रहे स्कूली बच्चों को दिखाया है। कैप्शन में उन्होंने लिखा कि ”दिल्ली को मारने वाला असुर प्रदूषणवाल” अरविंद केजरीवाल। चूंकि प्रदूषण एक गंभीर मामला है लेकिन जनता के नुमाइंदों से एक दूसरे के लिए इस तरह की भाषा के इस्तेमाल की उम्मीद नहीं की जा सकती। आप नेता लगातार कह रहे हैं कि भाजपा विधायक को शब्दों की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए।

हरियाणा में ढाई गुना से कम हुए केस, पंजाब में कई गुना बढ़े

हरियाणा में पिछले 3 साल में सामने आया है कि पराली जलाने के केस ढाई गुना तक कम हुए है, वहीं पड़ोसी पंजाब में स्थिति बेहद चिंताजनक है। वहां पिछले 3 साल में केस कई गुना बड़े हैं। आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में हरियाणा में 4216 पराली जलाने के केस रिपोर्ट हुए थे। इसके बाद अगले साल 2576 पराली जलाने के केस रिपीट हुए थे। इस लिहाज से एक साल में 16 सौ से ज्यादा केस कम हुए। वहीं 2023 में अब तक 1579 केस रिपोर्ट हुए हैं। पिछले साल की तुलना में 6 सौ से ज्यादा केस कम हुए हैं। वहीं पड़ोसी पंजाब में हालात इसके उलट हैं और वहां निरंतर पराली जलाने के मामलों में इजाफा हुआ है।

कई जिलों में सांस लेना हुआ दूभर

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों में सामने आया है कि हरियाणा के कई जिलों में वायु प्रदूषण बेहद गंभीर लेवल तक पहुंच गया है। पिछले कई दिन से फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और फतेहाबाद जिले तो देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित जिलों में शामिल हैं। इनका लेवल 400 अंकों से पार जा चुका है। फरीदाबाद, गुरुग्राम और झज्जर जिलों मैं तो प्राइमरी स्कूलों की छुट्टी करने के आदेश भी जारी किए जा चुके ताकि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो। उपरोक्त जिलों के अलावा हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, सिरसा, कैथल, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, जींद और करनाल जिलों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर तक जा पहुंची है। इन जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच है।

10 नवंबर बाद हालात सुधरेंगे, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के प्रोफेसर मदन खीचड़ का कहना है कि 10 नवंबर से पहले राहत मिलनी मुश्किल है, इसके बाद मध्यम गति से उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी। इसके चलते प्रदूषण में काफी हद तक कमी आएगी। इस दौरान राज्य में दिन के अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है, लेकिन रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, इससे लोगों को ठंड का अहसास होगा।

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