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Haryana Election : ईवीएम से डाले वोट और वीवीपैट की पर्ची में फर्क…, तो तुरंत प्रिजाइडिंग अधिकारी को कर दें सूचित

• LAST UPDATED : October 5, 2024
  • झूठी जानकारी पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana VidhanSabha Elections 2024 Live Updates : हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदाताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) मार्फ़त वोट डाले जा रहे हैं जिसके साथ वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) सिस्टम का भी  प्रयोग किया जा रहा है।  वैसे तो गत 20 वर्षो से ऊपर समय से  ईवीएम द्वारा मतदान (वोटिंग) की व्यवस्था लागू है, लेकिन वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने ही मतदान में ई.वी.एम. के साथ  वी.वी.पैट के प्रयोग को अनिवार्य घोषित किया हुआ है। अप्रैल-मई 2019 में 17वीं लोकसभा आम चुनाव के बाद से देश में सभी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग किया जाता है।

अगर किसी मतदाता द्वारा ईवीएम पर बटन दबाकर किसी उम्मीदवार को डाले गए वोट एवं इसके बाद वीवीपैट में उम्मीदवार के विवरण सम्बन्धी निकली पर्ची में फर्क या अंतर पाया जाता है  तो इस स्थिति में क्या होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए लीगल और पॉलिटिकल एनलिस्ट हेमंत कुमार ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के  नियम 49 एमए अनुसार उस वोटर को उस पोलिंग बूथ/स्टेशन के प्रीसाइडिंग ऑफिसर को इस सम्बन्ध में इस बारे में सूचित करना होगा।

वहीं हेमंत ने बताया कि ऐसी लिखित घोषणा का प्रारूप भारतीय चुनाव आयोग द्वारा नवंबर, 2013 में  जारी कर दिया गया था, जिसमे उल्लेख होता है कि गलत सूचना देने पर उक्त वोटर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 212 (किसी सरकारी अधिकारी को झूठी सूचना देना) के अंतर्गत उसे अधिकतम 6 महीने की जेल अथवा एक हज़ार रुपए का जुर्मान या दोनों हो सकते हैं।

उम्मीदवार की क्रम संख्या, उसका नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह

वीवीपैट प्रणाली में जब भी कोई मतदाता अपने पोलिंग बूथ परजाकर वोटिंग कम्पार्टमेंट में पड़ी ई.वी.एम. से मतदान करने के लिए अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने का नीला बटन दबाता है, तो उस मतदाता के वोट दर्ज होने के साथ ही इसके उस ई.वी.एम. के साथ जुड़ी वीवीपैट (जिसमे एक कागज़ की पर्चियां प्रिंट करने वाला प्रिंटर एवं ड्राप बॉक्स होगा) में से एक कागज़ की पर्ची उत्पन्न होती है जिसमें मतदाता द्वारा वोट किये गए उम्मीदवार की क्रम संख्या, उसका नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह दिखाई देता है एवं इस कागज़ की पर्ची को प्रिंटर पर मौजूद पारदर्शी कांच के माध्यम से सात सेकेन्ड की संक्षिप्त समयावधि तक देखा जा सकता है  जिसके बाद वह कागज़ की पर्ची उसकेसाथ जुड़े ड्राप बॉक्स में स्वत: गिर जाती है।

 ईवीएम और वीवीपैट पर वोटिंग टेस्ट

अगर वोटर ऐसी लिखित घोषणा दे देता है, तो  इसके बाद मतदान केंद्र का प्रीसाइडिंग ऑफिसर  फॉर्म 17 ए में उस मतदाता के नाम से समक्ष दूसरी एंट्री करने के बाद उस वोटर से उसी ईवीएम एवं वी.वी.पैट पर एक टेस्ट वोट करवाएगा जोकि प्रीसाइडिंग ऑफिसर एवं वहां मौजूद उम्मीदवारों अथवा उनके पोलिंग एजेंटो के उपस्थिति में होगी. इस टेस्ट वोट में वोटर द्वारा डाली गई वोट एवं उसके साथ उत्पन्न हुई वी.वी.पैट की पर्ची का निरीक्षण किया जाएगा. अगर वोटर द्वारा ई.वी.एम. से दी गई वोट एवं वीवीपैट में आये अंतर की बात उस टेस्ट वोट में साबित हो जाती है तो प्रीसाइडिंग ऑफिसर तत्काल संबंधित विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को सूचित करेगा एवं उस वोटिंग मशीन से मतदान रुकवा दिया जाएगाएवं रिट्रनिंग ऑफिसर के आदेशों के अनुसार आगामी कार्यवाही करेगा।
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