India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख दलों में टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा के दो प्रमुख नेताओं, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और पूर्व सांसद संजय भाटिया ने चुनावी समर में उतरने से मना कर दिया है, जिसने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है।
भाजपा के हरियाणा प्रभारी बिप्लब देब ने दोनों नेताओं के चुनाव न लड़ने को त्याग की श्रेणी में रखा और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस में ऐसा कोई नेता है, जिसे पार्टी टिकट दे और वह स्वेच्छा से चुनाव लड़ने से इंकार कर दे? संजय भाटिया ने खुद को चुनाव न लड़ने की जानकारी देते हुए कहा कि इस बार वह चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि चुनाव लड़वाएंगे।
भाटिया के चुनाव लड़ने से मना करने के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकेत है कि भाजपा के बड़े नेता प्रदेश में पार्टी की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंतित हैं और इसलिए चुनावी रण में उतरने से कतरा रहे हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक भ्रम औरअनिश्चित होने का माहौल बन सकता है। साथ ही, मुख्यमंत्री की सीट बदलने की चर्चा भी यह दर्शाती है कि भाजपा हरियाणा में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
इस बीच, पानीपत शहरी विधानसभा से संबंधित पूर्व सांसद संजय भाटिया ने चुनाव लड़ने की बजाय लड़वाने की इच्छा व्यक्त की है। उनकी इस स्थिति से मौजूदा विधायक प्रमोद विज की टिकट की दावेदारी को मजबूती मिली है। चुनावी टिकटों के मुद्दे पर सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर दिल्ली स्थित हाइकमान के दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि हर पार्टी को इस चुनाव में जीत के लिए अपनी रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा।