इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा भवन-क्षेत्र में जारी ऊर्जा दक्षता में राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई), 2020 के अनुसार हरियाणा भारत में शीर्ष राज्य के रूप में उभरा है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट में हरियाणा ने 30 के मुकाबले 22 स्कोर के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
बिजली निगम के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन करने वालों में कर्नाटक, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सहयोग से हरेडा द्वारा किए गए लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप हरियाणा में ऊर्जा बचत में बड़े पैमाने पर प्रगति हुई है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक डा. हनीफ कुरैशी ने बताया कि देश में कुल अंतिम ऊर्जा खपत (टीएफईसी) के मामले में भवन क्षेत्र में सबसे अधिक ऊर्जा की खपत होती है और वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2027 तक 45% तक बढ़ने का अनुमान है।
डा. हनीफ कुरैशी ने बताया कि राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक-2020 में 16 संकेतकों को परिभाषित किया है। ये डाटा एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी-2017), भवनों के अनिवार्य ऊर्जा आडिट, ऊर्जा आडिट के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, निर्माण/रिट्रोफिट, प्रमाणित हरित भवनों को अपनाने से संबंधित हैं।
डा. हनीफ कुरैशी ने बताया कि ईसीबीसी-2017 कार्यान्वयन और इमारतों में ईई का समर्थन करने के लिए संस्थागत क्षमता का भारत सरकार की ब्यूरो आफ एनर्जी एफिसिएंसी द्वारा विश्लेषण किया गया था जिसके तहत हरियाणा में 300 से अधिक हरित प्रमाणित भवन स्थित हैं।
डा. कुरैशी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी भवनों की पारंपरिक लाइटों को एलईडी में बदलने की पहल, ऊर्जा आडिट, ईसीबीसी को अपनाना और ऊर्जा संरक्षण से संबंधित शुरू की गई विभिन्न अन्य योजनाएं भी इस उपलब्धि में सहायक बनी हैं।
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