India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Government : हरियाणा की पिछली सरकारें जिस वर्ग का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के तौर पर करती थीं, उस वर्ग के विकास और उत्थान के लिए भाजपा की सरकार लगातार प्रयासरत है और जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
इस वर्ग के समुचित विकास की योजना को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से भाजपा सरकार ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया और आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़ा वर्ग-बी को पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं में 5 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग-ए को 8 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया। वर्तमान में हरियाणा से भाजपा के 5 लोकसभा सांसदों में से 2 पिछड़ा वर्ग से हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री पद संभाल रहे हैं। राज्यसभा में भी एक सांसद एक पिछड़ा वर्ग से हैं और हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा के मुख्यमंत्री का दायित्व नायब सिंह सैनी को सौंपा है, जिन्होंने पार्टी के लिए एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को मजबूत करने का काम किया है। वे पिछड़ा वर्ग समाज से ही आते हैं, आज राज्य और देश में इस समाज का सिरमौर चेहरा बने हुए हैं। आलम ये है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सादगी, मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव के चलते विपक्षी भी उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते और अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री की तारीफ करते नज़र आते हैं. यही नहीं जिन राज्यों में भाजपा की सरकार भी नहीं है, वहां के लोग भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सम्मानित कर रहे हैं।
डबल इंजन की सरकार पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। सृष्टि रचयिता भगवान विश्वकर्मा से जुड़ा यह समाज अपने हुनर व दस्तकारी कला को संजोये हुए है। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, आभूषण गढ़ने वाले, कपड़े सिलने वाले, मूर्ति, मकान आदि के कारीगर अपने हुनर व कौशल के बल पर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ा रहे हैं। इनकी आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ चलाई है, जिसके तहत अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए इस समाज के लोगों को सस्ते ऋण उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग के शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान और ओबीसी वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरी में बढ़ावा देने के लिए पिछड़े वर्ग के लिए क्रीमीलेयर की आय सीमा को 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये वार्षिक किया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर इस वार्षिक आय में वेतन और कृषि से अर्जित आय को शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे ओबीसी वर्ग से जुड़े लाखों लोगों को फायदा होगा। अब ओबीसी प्रमाण पत्र भी घर बैठे ऑनलाइन बनवाया जा सकता है।
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हरियाणा में ग्रुप ए और बी में पिछड़े वर्गों के लिए रिक्त पदों के बैकलॉग का विशेष भर्ती अभियान चलाकर प्राथमिकता के आधार पर भरा जा रहा है, परिणामस्वरूप ओबीसी वर्ग से आने वाले युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा ओबीसी समाज के विद्यार्थियों के लिए 12 से 20 हजार रुपये तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है, ताकि ओबीसी समाज से आने वाले विद्यार्थियों को किसी भी आर्थिक अभाव में अपनी शिक्षा छोड़ने पर मजबूर न होना पड़े।
हरियाणा की नायब सरकार ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग तथा अन्य वंचित वर्गों के शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनके बारे में विपक्ष की सरकारों ने कभी सोचा तक नहीं था। पिछली सरकारों द्वारा इन वर्गों को मात्र वोट बैंक तक सीमित रखा गया था, जबकि भाजपा सरकार ने हर स्तर पर पिछड़ा वर्ग को पूरा मान-सम्मान देने का काम किया है।