India News, (इंडिया न्यूज), Science City, चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है। नए वैज्ञानिक शोध नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार फरीदाबाद या गुरुग्राम में से एक जिले में 50 एकड़ में साइंस सिटी की स्थापना करेगी। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को थिस्टी बायोटेक संस्थान में 9वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस 9वें विज्ञान महोत्सव की मेजबानी करने का अवसर हरियाणा को मिला है। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव में छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, उद्यमी, शिक्षाविद, स्टार्टअप तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भागीदारी की है। ये सभी भागीदार बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि यह विज्ञान महोत्सव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को उजागर करने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान के अदान-प्रदान व चिंतन-मनन के लिए एक मंच उपलब्ध करवाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज्ञान के प्रति समर्पण को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान का मंत्र देकर भारत को आगे बढ़ने के लिए नई दिशा प्रदान की है। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव देश का सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव है। इस विज्ञान महोत्सव का थीम ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी : पब्लिक आउटरीच इन अमृत काल’ बड़ा ही प्रासंगिक व समसामयिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को एक गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली, समृद्ध व आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया हुआ है। इस संकल्प को पूरा करने में विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह महोत्सव देश का सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव है। इस महोत्सव का उद्देश्य संपन्न भारत की प्रगति के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में रचनात्मकता को बढ़ावा देना तथा व्यापक स्तर पर लोगों को वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है। इसके अलावा, यह विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सभी हितधारकों के बीच तालमेल के लिए एक मंच प्रदान करता है। चार दिनों तक चले इस महोत्सव में 17 विषयों पर वर्कशॉप, संगोष्ठियों, विज्ञान प्रतियोगिताओं, प्रौद्योगिकी शो, प्रदर्शनियों आदि का आयोजन किया गया है। भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।
भारत को मानव सभ्यता की ही नहीं, विज्ञान की भी जन्मस्थली कहा जाता है। हमने बीजगणित, जीरो, पाई का मूल्य और शून्य व संख्या प्रणाली का आविष्कार करके वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई । आयुर्वेद के जनक महर्षि चरक महान सर्जन और वैज्ञानिक थे। आचार्य कणद व वराहमिहिर उच्च कोटि के खगोलशास्त्री थे। भास्कराचार्य आधुनिक अल्जेब्रा के जनक थे। विज्ञान में भारतीय स्वर्णिम इतिहास के दिग्गजों में सेठ होमी जहांगीर भाभा, जगदीश चन्द्र बसु, श्रीनिवास रामानुजन, शांति स्वरूप भटनागर आदि कितने नाम गिना सकता हूं जिनका अमूल्य योगदान विज्ञान के क्षेत्र में रहा है। आधुनिक युग में भूतपूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम भी अग्रणी है।
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