India News Haryana (इंडिया न्यूज), History of Haryana politics: हरियाणा का राजनीतिक इतिहास देखें तो इस इतिहास में काफी दंगल,बहुत से बदलाव और पद के लिए दौड़ा-दौड़ी हमेशा से देखने को मिली है। 58 साल के इस इतिहास में 11 मुख्यमंत्री ने राज किया। वहीं यहाँ भी तीन बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। और भी ऐसी कई बातें हाँ जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं । तो आइए जानते हैं कि हरियाणा का राजनीतिक इतिहास कैसा रहा। क्या हमेशा से वहां चुनाव के दौरान इतना घमासान मचता था या सिर्फ इसी बार।
Assembly Dissolved : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्यपाल से की विधानसभा भंग करने की सिफारिश
1966 में अपने गठन के बाद से, हरियाणा ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 11 मुख्यमंत्रियों को देखा है और उन्हें मौक़ा दिया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के भगवत दयाल शर्मा 1966 में राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। और इनका दौर भी काफी दिलचस्प था। वहीं अगर बात करें वर्तमान मुख्यमंत्री की तो वर्तमान में बीजेपी के नायब सिंह सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं, नायाब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद 12 मार्च, 2024 को पदभार संभालने का मौक़ा मिला, और खास बात यह है कि इस बार भी हरियाणा चुनाव 2024 के लिए नायब सैनी को ही चुना गया। वहीं मनोहर लाल खट्टर ने अक्टूबर 2014 से मार्च 2024 तक एक दशक तक सीएम के रूप में कार्य किया।
Assembly Dissolved : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्यपाल से की विधानसभा भंग करने की सिफारिश
अगर बात करें हरियाणा के प्रमुख हस्तियों की तो हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में भजन लाल बिश्नोई और देवी लाल जैसी प्रमुख हस्तियाँ शामिल हैं। राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री और जनता दल के नेता देवी लाल ने प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह और चंद्रशेखर के कार्यकाल के दौरान भारत के उप प्रधानमंत्री के रूप में भी काम किया। और इन नेताओं के आज भी चाहने वाले बहुत हैं ।
अगर बात करें राष्ट्रपति शासन की तो हरियाणा का इतिहास काफी कठिन रहा जिसके कारण वहां के लोगों को 3 बार राष्ट्रपति शासन का अनुभव करना पड़ा।दरअसल, राज्य ने राष्ट्रपति शासन की तीन संक्षिप्त अवधियों का अनुभव किया है। पहली अवधि 2 नवंबर, 1967 से 22 मई, 1968 तक चली, उसके बाद दूसरी अवधि 30 अप्रैल, 1977 से 21 जून, 1977 तक चली। राष्ट्रपति शासन की तीसरी और सबसे हालिया अवधि 6 अप्रैल, 1991 से 23 जुलाई, 1991 तक चली। हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य पर भाजपा, कांग्रेस और जनता दल जैसी प्रमुख पार्टियों का प्रभुत्व है, जो राज्य के गतिशील और विविध राजनीतिक इतिहास को दर्शाता है।
Assembly Dissolved : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्यपाल से की विधानसभा भंग करने की सिफारिश