प्रदेश की बड़ी खबरें

Haryana Human Rights Commission ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लिया कड़ा संज्ञान, जानें किन अहम बिंदुओं पर एक रिपोर्ट भी मांगी

  • हरियाणा मानव अधिकार आयोग के दखल के बाद करनाल के आशीष का हुआ इलाज
  • अस्पतालों में पीने का पानी, वाशरूम और पंखे जैसी मूलभूत सुविधाएं सबको मिले : जस्टिस ललित बत्रा

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Human Rights Commission : हरियाणा मानव अधिकार आयोग में करनाल निवासी आशीष ने शिकायत दर्ज कराई कि कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के डॉक्टर मरीजों को बारी से नहीं देख रहे हैं। वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को टोकन/नंबर दिए बिना ही देख रहे हैं। शिकायतकर्ता उक्त अस्पताल से इलाज करवा रहा है और अपनी बारी आने के लिए लंबी कतार में इंतजार करना पड़ता है। करनाल निवासी आशीष ने इस मामले में आयोग से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

Haryana Human Rights Commission : विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कुप्रबंधन के संबंध में कई  शिकायतें

मामला स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा होने के कारण हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया और केस आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा और सदस्य कुलदीप जैन (पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश) की डबल बेंच में लगा। आयोग के सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने पारित आदेश दिनांक 26.4.2023 के अनुसार बताया कि यह शिकायत कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, करनाल में मरीजों के साथ व्यवहार करते समय कुप्रबंधन के संबंध में है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कुप्रबंधन के संबंध में इस हरियाणा मानव अधिकार आयोग को समय-समय पर कई अन्य शिकायतें दी गई हैं।

बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं एक नागरिक का मूल मानवाधिकार

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने अपने निर्णय में लिखा है कि बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं एक नागरिक का मूल मानवाधिकार हैं। इसके अलावा जब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत सारा बजट खर्च करती है, तो बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं राज्य के नागरिकों को आसानी से उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आयोग का मानना है कि प्रणाली में सुधार की हमेशा गुंजाइश होती है, इसलिए इस संबंध में महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा, पंचकूला से सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों की ओपीडी में अपनाई गई प्रणाली के बारे में निम्न बिंदुओं पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई।

निम्न बिंदुओं पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई

  • 1. क्या अस्पतालों में पहले आओ पहले पाओ प्रक्रिया का पालन किया जाता है या नहीं?
  • 2. क्या अस्पताल में मरीजों की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए कोई गैजेट (डिस्प्ले बोर्ड) स्थापित है?
  • 3. क्या अस्पतालों के ओपीडी के स्थान/प्रतीक्षा क्षेत्र में पानी, शौचालय, पंखे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं?

संबंधित प्राधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी थी

आयोग के सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा मानव अधिकार आयोग के उपर्युक्त दिशानिर्देशों की पालना करते हुए कल्पना चावला राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल, करनाल के संबंधित प्राधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी थी।

प्रोटोकॉल तैयार करें और उसे सख्ती से लागू करें

डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि रिपोर्ट में लिखा है कि आयोग के संज्ञान के बाद शिकायतकर्ता द्वारा उठाए गए मामले में उपरोक्त अस्पताल के डॉक्टरों की समिति द्वारा जांच की गई थी। समिति ने “समय की पाबंदी, गैर-पेशेवरता, इलाज में लापरवाही, मित्रों और रिश्तेदारों को वीआईपी व्यवहार” के संबंध में जांच की।समिति ने जांच के बाद विभागाध्यक्ष, दंत चिकित्सा की राय दी है कि उपरोक्त शिकायत के आलोक में विभागीय मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार करें और उसे सख्ती से लागू करें और मामले में आवश्यक कार्रवाई करें।

Anil Vij का विपक्ष पर हमला, बोले ‘‘विपक्ष बौखला गया है और वह अपनी जिम्मेदारी वाली भूमिका अदा नहीं कर पा रहा”

Smart India Hackathon में पानी को साफ करने के हो रहे स्‍मार्ट प्रयोग, बैक्टीरिया देखते ही नीला हो जाता है कागज

Anurekha Lambra

Share
Published by
Anurekha Lambra

Recent Posts

Mahakumbh 2025: आज से महाकुंभ 2025 की होगी शुरुआत, आज ही होगा पहला शाही स्नान, जानिए इसका तरीका और महत्व

लंबे समय से इंतजार कर रहे भक्तों का आज इंतजार खत्म हुआ। आज बेहद खास…

1 hour ago