इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana Legislative Assembly हरियाणा विधान सभा सत्र में 6 विधेयक पारित किए गए, जिनमें हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबन्ध) विधेयक, 2021; हरियाणा अनुसूचित सड़क तथा नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बन्धन (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक, 2021; हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2021; पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021; हरियाणा कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2021 और हरियाणा विनियोग (संख्या 4) विधेयक, 2021 शामिल हैं।
हरियाणा में नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना के लिए आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था करने हेतु तथा उससे संबंधित तथा उनसे आनुसंगिक मामलों के लिए विशेष उपबन्ध करने के लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबन्ध) विधेयक, 2021 पारित किया गया। राज्य के नगरपालिका क्षेत्रों के भीतर स्थित नागरिक सुख-सुविधा अपूर्ण क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से हाल ही में हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसरंचना का प्रबन्धन (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 2021 अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम को अधिनियमित करने का उद्देश्य राज्य के निवासियों की जीवन स्थिति को सुधारना था। यह अवलोकित किया गया है कि अपूर्ण अवसंरचना वाली कॉलोनियाँ न केवल नगरपालिका क्षेत्रों के भीतर स्थित हैं बल्कि राज्य के विभिन्न नगरों में और नगरपालिका क्षेत्रों के बाहर भी स्थित हैं। मानवीय आधार पर, ऐसे क्षेत्रों में स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम अवसंरचना प्रदान करना राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है। इसलिए, इसके दृष्टिगत स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए मूल अवसंरचना सुविधाऐं प्रदान करने हेतु यह प्रस्तावित किया गया कि एक नया विधेयक अर्थात् हरियाण नगरपालिका क्षेत्रों के बाहर अपूर्ण क्षेत्रों में नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबन्धन (विशेष उपबन्ध) विधेयक, 2021 अधिनियमित किया जाएगा।
हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है। हरियाणा आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 27 में प्रावधान है कि किसी भी देशी शराब या नशीली दवाओं के निर्माण, थोक या खुदरा बिक्री के लिए पट्टा राज्य सरकार द्वारा 25 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। धारा 29 किसी भी लाइसेंसधारी विक्रेता या ऐसे विक्रेता के नियोजन में या उसकी ओर से कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को किसी भी शराब या नशीली दवा को बेचने या वितरित करने के लिए प्रतिबंधित करती है। धारा 30 में यह प्रावधान है कि 25 वर्ष से कम आयु के ऐसे किसी भी पुरुष या किसी भी महिला को किसी भी व्यक्ति द्वारा नियोजित नहीं किया जा सकता है, जिसके पास अपने परिसर के उपभोग के लिए शराब या नशीली दवा बेचने का लाइसेंस है। इसके अलावा, धारा 62 में प्रावधान है कि यदि कोई लाइसेंस प्राप्त विक्रेता या उसका कर्मचारी या उसकी ओर से कार्य करने वाला कोई व्यक्ति 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को कोई शराब या नशीली दवा बेचता है या वितरित करता है, तो वह किसी भी अन्य दंड के अतिरिक्त 50,000 रुपए तक के जुर्माने के साथ दंड के लिए उत्तरदायी हो सकता है। वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति तैयार करते समय, यह चर्चा की गई थी कि उपरोक्त आयु सीमा को पच्चीस वर्ष से घटाकर इक्कीस वर्ष किया जा सकता है, क्योंकि कई अन्य राज्यों ने निम्र आयु सीमा निर्धारित की है।