इंडिया न्यूज, Chandigarh: हरियाणा को अब रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे। क्योंकि मारुति हरियाणा में अपना तीसरा संयंत्र लगाने जा रही है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल)/सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम 19 मई को आईएमटी, खरखौदा में 800 एकड़ और 100 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए एक समझौते पर करार करेंगे। दोनों कंपनियां हरियाणा में करीब 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेंगी, जिससे 13 हजार लोगों को रोजगार मिल पाएगा
हरियाणा और मारुति में करार होने के बाद प्रदेश के युवाओं को यहां रोजगार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में औद्योगिक विकास सहित कई क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। हरियाणा लोक कल्याण के प्रति सरकार की सुदृढ़ प्रतिबद्धता और अपने नागरिकों को उन्नत सुविधाएं सुनिश्चित करने के कारण समावेशी विकास की ओर अग्रसर है। इसी प्रकार हरियाणा सरकार प्रदेश को एक औद्योगिक और आटोमोबाइल हब बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
मारुति कंपनी ने वर्ष 1983 में गुरुग्राम में अपना पहला प्लांट बनाया था, उसके बाद कंपनी मानेसर में एक अन्य प्लांट लगा चुकी है। मारुति हरियाणा प्रदेश में अपना तीसरा प्लांट लगाने जा रही है। यह राज्य के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। एमएसआईएल ने हरियाणा में प्लांट लगाने के लिए आईएमटी खरखौदा में अतिरिक्त 800 एकड़ जमीन खरीदी है. यह प्लांट लगाने के लिए कंपनी 18,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी वहीं सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी इंजन सहित दोपहिया वाहनों का प्लांट के लिए 100 एकड़ जमीन खरीदी है। कंपनी 1,466 करोड़ रुपए करेगी जिससे प्रदेश के 2000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
हरियाणा में प्रस्तावित तीसरे प्लांट के बारे में मारुति सुजुकी के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को प्लाट स्थापित करने के लिए देश में हरियाणा ही सबसे सही लगा। प्लांट हर साल 250,000 वाहन बनाएगा। यह प्लांट 2025 तक चालू होगा।
हरियाणा वैश्विक निवेशकों के पसंदीदा स्थलों में से एक बनता जा रहा है। मारुति का नया प्लांट लगाने से राज्य में आॅटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलता दिख रहा है। अब अन्य क्षेत्रों की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी हरियाणा प्रदेश में अपना प्लांट लगाने को प्रेरित होंगी।
वहीं ईधर हरियाणा में युवा लंबे अर्से से इंडस्ट्रीयल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) लगने की राह देख रहे हैं ताकि यहां अंबाला के लोगों को भी रोजगार मिल सके। मालूम रहे कि अंबाला के कई गांवों की जमीन अधिग्रहण कर हुड्डा सरकार मेंं आईएमटी बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अभी तक योजना सिरे नहीं चढ़ सकी क्योंकि कांग्रेसी के दिग्गज नेता भी इसके विरोध में आ गए थे। वहीं अंबाला के लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा दिन रात प्रयासरत हैं।
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