India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Mukhyamantri Awas Yojana, चंडीगढ़ : गरीब व जरूरतमंदों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सिर पर छत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना बनाई है। योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को एक लाख मकान या प्लाट दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने योजना को लेकर पोर्टल भी शुरू किया है।
इस पोर्टल पर वे सभी गरीब परिवार घर के लिए आवेदन कर सकेंगे जिनके पास घर नहीं है और वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है। मुख्यमंत्री बुधवार को यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनन मंत्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभाव को देखते हुए हमने प्रेरणा ली है। उन्होंने कहा कि इस योजना में पंचकूला, गुरुग्राम, सोनीपत और फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाएंगे। जबकि अन्य शहरों में प्लॉट व फ्लैट दोनों विकल्प उपलब्ध होंगे। इस योजना में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आवास कॉलोनियां बनाई जाएंगी, जिनमें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इतना ही नहीं, आवास निर्माण में अति आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार नागरिकों को पेपरलेस, पारदर्शी व सुगम तरीके से सुविधाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से उनके घर द्वार पर पहुंचा रही है। इसी कड़ी में एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव ओबीसी प्रमाण पत्र की शुरुआत की है। अब नागरिक सरल पोर्टल पर जाकर, पीपीपी में मौजूद अपने डेटा के आधार पर पात्र पाए जाने पर अपना ओबीसी प्रमाण पत्र ऑनलाइन घर बैठे डाउनलोड कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के पीछे हमारा उद्देश्य लोगों को फेसलेस और पेपरलेस सेवाएं प्रदान करना है। इसी उद्देश्य से पीपीपी में नागरिकों की सत्यापित जाति और जाति की श्रेणी के आधार पर सरल पोर्टल के माध्यम से प्रमाण पत्र पहले से ही जारी किए जा रहे हैं। इनमें 7.4 लाख से अधिक अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र और 4.76 लाख से अधिक पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र शामिल हैं। वर्तमान में 34 लाख से अधिक परिवारों के जाति विवरण को पी.पी.पी. में सत्यापित किया गया है।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़कर लाभार्थियों को घर बैठे पेंशन देने का काम किया है। अब तक लगभग 1.7 लाख वृद्धों, 13 हजार दिव्यांगों को घर बैठे पेंशन दी जा चुकी है। हमने वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए वार्षिक आय की सीमा 2 लाख ये से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की है।
उन्होंने कहा कि पीपीपी की सहायता से एक क्लिक से हमने प्रदेश में साढ़े 12 लाख नए राशन कार्ड बनाए और कुल 35 लाख बीपीएल राशन कार्ड बनाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में 56 लाख 46 हजार चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। इन्हें मिलाकर आयुष्मान-चिरायु कार्डों की संख्या 86 लाख हो गई है। साथ ही, निरोगी हरियाणा योजना में प्रदेश के 27 लाख से अधिक गरीबों के 1 करोड़ 50 लाख मुफ्त टेस्ट भी पीपीपी के डेटा की मदद से किए गए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस योजना के तहत अंत्योदय परिवारों के सदस्यों की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता होने की स्थिति में ऐसे परिवारों को सांत्वना राशि प्रदान करते हुए 563 लाभार्थियों को 12.38 करोड़ रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचाई। इस योजना के तहत 1 लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती। इस योजना का क्रियान्वयन हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास द्वारा किया जा रहा है।
इससे पहले 223 लाभार्थियों के खातों में 6 करोड़ रुपये की राशि डाली गई थी। उन्होंने बताया कि दयालु योजना के तहत विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार लाभ दिया गया है। 6 से 12 वर्ष आयु तक के लिए 1 लाख रुपये, 12 से अधिक व 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 से अधिक व 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 से अधिक व 45 वर्ष तक 5 लाख रुपये, 45 से अधिक व 60 वर्ष तक 3 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इस लाभ में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) या विभिन्न विभागों द्वारा संबंधित वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी शामिल है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्तायुक्त, राजस्व टीवीएसएन प्रसाद, हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राज शेखर वुंडरू, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी, चकबंदी एवं भू- रिकॉर्ड विभाग की निदेशक आमना तसनीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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