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अंबाला शहीदी स्मारक दर्शाएगा वीरों का अदम्य साहस

• LAST UPDATED : May 28, 2022

इंडिया न्यूज, Haryana News: हरियाणा के अंबाला में बन रहा आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वीरों द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस की गाथा को दर्शाएगा। हरियाणा में हुए संघर्षों, लड़ाइयों व घटनाओं को इस शहीदी स्मारक के संग्रहालय में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। 11 जून को इतिहासकारों की समिति द्वारा आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक स्थल का विशेष रूप से दौरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक और ऐतिहासिक तथ्यों की पुष्टि के लिए गठित इतिहासकारों की 6 सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. अमित अग्रवाल ने नई दिल्ली में हरियाणा भवन में समिति की प्रथम बैठक की।

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा की भूमिका की मिलेगी संपूर्ण जानकारी

बैठक में अंबाला में स्थापित किए जा रहे आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक के संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने वाले ऐतिहासिक तथ्यों की सत्यापन व पुष्टी प्रक्रिया के संदर्भ में समिति के सदस्यों के साथ विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया। डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि ऐतिहासिक विवरणों को बेहतर रूप से प्रस्तुत व प्रदर्शित किए जाने की दिशा में इस संग्रहालय को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त बनाया जाएगा, ताकि न केवल हरियाणावासी बल्कि देश व दुनिया से आने वाले लोगों को भी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा की भूमिका की संपूर्ण जानकारी मिल सके।

शहीदी स्मारक का 80% निर्माण पूरा

डॉ. अग्रवाल ने ऐतिहासिक विवरणों को संग्रहालय में प्रभावी व आकर्षक रूप से प्रदर्शित किए जाने की दिशा में वर्तमान में संग्रहालयों में प्रयोग हो रही आधुनिक तकनीकों को उपयोग किए जाने की प्रकिया पर भी परामर्शदाताओं के साथ विचार-विमर्श किया। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के अंबाला में 22 एकड़ भूक्षेत्र में 300 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किए जा रहे आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक का लगभग 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्ष 1857 में हुए भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए संघर्षों, लड़ाइयों व घटनाओं को प्रदर्शित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से युक्त एक संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं को सही रूप में प्रस्तुत किए जाने की दिशा में दृश्य, श्रव्य, ध्वनि व प्रकाश आदि की अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

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