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Haryana News : योग्यता पूरी नहीं होने पर हरियाणा के 18 एचसीएस की बतौर आरओ तैनाती को लेकर शिकायत

• LAST UPDATED : September 16, 2024
  • 5 वर्ष से कम एचसीएस सेवा वाले एसडीएम तैनात होने विरूद्ध चुनाव आयोग से शिकायत

  • लागू व्यवस्था अनुसार एसडीएम का पद 5 वर्ष  से 15 वर्ष की सेवा वाले एचसीएस अथवा 4 वर्ष तक की सेवा वाले आईएएस के लिए है निर्धारित – एक्सपर्ट्स

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana News : भारतीय चुनाव आयोग के निर्देश पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के कार्मिक विभाग द्वारा एक आदेश मार्फ़त हिसार के उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात एसडीओ (सिविल) जिसे एसडीएम भी कहा जाता है, के पद पर 2020 बैच के एचसीएस अधिकारी हरबीर सिंह की तैनाती की गई है। इससे पूर्व 2013 बैच के एचसीएस हिसार के एसडीएम तैनात थे। इसी कड़ी में बता दें कि भारतीय चुनाव आयोग इस वर्ष मार्च, 2024 में लोक प्रतिनिधित्व कानून (आरपीएक्ट), 1951 की धारा 21 में भारत सरकार के गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन मार्फ़त हिसार के एसडीओ (सिविल) अर्थात एसडीएम ही हिसार विधानसभा सीट के आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) पदांकित हैं, इसलिए हिसार के नये तैनात एसडीएम 2020 बैच के एचसीएस हरबीर सिंह हिसार विधानसभा सीट के आरओ होंगे।

 2020 बैच के एचसीएस हरबीर सिंह के अलावा वर्तमान में इसी बैच के 19 अन्य अधिकारी भी प्रदेश के कुल 20 उपमंडलों (सब-डिविजन) में बतौर एसडीएम तैनात हैं। हालांकि इनमें से केवल 18 आगामी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में आरओ होंगे। चूँकि यमुनानगर जिले के छछरौली और गुरुग्राम जिले के मानेसर उपमंडल के मौजूदा तैनात एसडीएम को चुनाव आयोग द्वारा आरओ पदांकित नहीं किया गया क्योंकि वर्तमान में छछरौली और मानेसर दोनों विधानसभा सीटें नहीं हैं। अब इसी कड़ी में सामने आया है कि 18 एचसीएस एचसीएस की ड्यूटी पर बतौर रिटर्निंग ऑफिसर लगाई गई है। उनकी योग्यता पूरी न होने को लेकर निर्वाचन आयोग को शिकायत लिखी गई है।

रिटर्निंग अधिकारी बनाए गए 18 एचसीएस की सेवा 5 साल से कम

आपको बता दें कि आज की तारिख में 2020 बैच के 18 एचसीएस अर्थात पांच वर्ष से कम सेवा वाले अधिकारियों,  जो वर्तमान में  प्रदेश के 18 उपमंडलों में बतौर एसडीओ (सी)/एसडीएम  तैनात होने के कारण उसके अंतर्गत पड़ने वाली विधानसभा सीटों के आरओ हैं जिनमें मोहित कुमार (नारनौंद), हरबीर सिंह (हिसार), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- द्वितीय (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (बल्लभगढ़), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), अमित मान (बड़खल), अमित (समालखा), रमित यादव (नांगल चौधरी) अमित कुमार- तृतीय (कनीना), अजय सिंह (कैथल), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार (पेहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा) और विजय कुमार यादव (कोसली) शामिल हैं।

साढ़े 4 साल पहले जारी हुए थे आदेश, अब तक रिन्यू नहीं हुए

आज से करीब चार वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव विजयवर्धन द्वारा एचसीएस कैडर संख्या निर्धारण आदेश, जो मौजूदा तौर पर भी लागू है, क्योंकि आज तक इस बारे ताज़ा आदेश जारी नहीं किया गया, के अनुसार एसडीओ (सिविल) अर्थात एसडीएम के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एचसीएस सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है। उपरोक्त 2020 बैच के सभी 18 एचसीएस अधिकारियों को  उनके पद अर्थात उनके एसडीओ (सी)/एसडीएम  तैनात होने के फलस्वरूप चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित विधानसभा सीट के लिए आरओ के तौर पर पदांकित किया गया है।

वर्तमान में 2022 बैच के 6 आईएएस अधिकारी नामत:  अंकित कुमार चोकसी (बादशाहपुर), अंजली श्रोत्रिय (गोहाना), अर्पित संगल (डबवाली), ज्योति (पलवल), राहुल (असंध) और शाश्वत सांगवान (नारायणगढ़)  बतौर एसडीएम होने कारण वर्तमान में इन 6 उपमंडलों के अंतर्गत पड़ने वाली 6 विधानसभा सीटों के आरओ है। रिटर्निंग ऑफिसर की योग्यता पूरी नहीं होने को लेकर निर्वाचन आयोग को शिकायत करने वाले लीगल और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि कि वर्तमान लागू व्यवस्था अनुसार चार वर्ष तक की सेवा वाले अर्थात सीनियर स्केल से नीचे रैंक के आईएएस को एसडीएम लगाया जा सकता है, इसलिए उपरोक्त 2022 बैच के सभी 6 आईएएस एसडीएम तैनात होने के लिए योग्य है।

अधिकारियों की तैनाती सरकार के विवेक पर निर्भर

कोई संदेह नहीं कि एचसीएस अधिकारियों की तैनाती-तबादले करने की शक्ति राज्य  सरकार (मुख्यमंत्री) में निहित होती है एवं ऐसा करना उनका विवेकाधिकार है, परन्तु ऐसा करते समय प्रशासनिक सिद्धांतों की अनुपालना आवश्यक है, ताकि तैनाती-तबादलों पर किसी प्रकार का कोई प्रश्न उत्पन्न न हो, अगर एचसीएस कैडर निर्धारण आदेश में स्पष्ट तौर पर न्यूनतम पांच वर्ष की एचसीएस सेवा वाले अधिकारी को ही एसडीओ (सी)/एसडीएम पद के लिए योग्य माना गया है, तो इसकी सख्त अनुपालना की जानी चाहिए और विशेष तौर पर तब विधानसभा आम चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के उप-मंडलों में तैनात ऐसे एचसीएस अधिकारियों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आरओ के तौर पर पदांकित किया गया हो। इसी के दृष्टिगत भारतीय चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा को लिखित शिकायत भेजी गई है।