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हरियाणा में 134-ए की बजाय अब ‘चिराग’ के तहत मिलेगी निशुल्क शिक्षा

• LAST UPDATED : June 29, 2022

इशिका ठाकुर, Haryana News : हरियाणा में अब 134ए की बजाय चिराग योजना के तहत निशुल्क शिक्षा बच्चों को दी जाएगी। इस योजना के तहत एक से 27 जुलाई तक दाखिला प्रक्रिया चलेगी। शिक्षा विभाग ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को दाखिला देने के नियम 134-ए को समाप्त किया था।

अब विभाग ने नियम 134 ए के स्थान पर मुख्यमंत्री हरियाणा समान शिक्षा राहत सहायता एवं अनुदान (चिराग) योजना शुरू की है। योजना के तहत दूसरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को निशुल्क दाखिला दिया जाएगा। दाखिला प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू होगी और 27 जुलाई तक रहेगी। 1.80 लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे।

शिक्षा विभाग करेगा खर्चे की अदायगी

चिराग योजना के तहत विद्यार्थी का दाखिला होने के बाद नियम 134 ए की तर्ज पर शिक्षा विभाग की तरफ से फीस दी जाएगी। अभी कक्षा अनुसार फीस को निर्धारित किया जाना है। इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद ही विभाग की तरफ से फीस को लेकर भी जानकारी दे दी जाएगी। दाखिले के लिए ड्रा स्कूलों की तरफ से ली जाने वाली परीक्षा के बाद मेरिट सूची के अनुसार निकाला जाएगा।

बच्चे कब कर सकते हैं आवेदन

इस योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चों को 1 से 7 जुलाई तक आवेदन करने होंगे। 11 जुलाई को निजी स्कूलों में ड्रा निकाला जाएगा तथा 12 से 21 जुलाई तक दाखिला देने के बाद नोटिस बोर्ड पर नाम दर्शाए जाएंगे। इस प्रक्रिया के उपरांत 22 से 27 जुलाई तक प्रतीक्षा सूची के दाखिले होंगे।

छात्र दाखिले हेतु केवल उसके वर्तमान खंड जिसमें वे पढ़ रहे हैं, उसी खंड के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में उपलब्ध सीटों पर दाखिले के लिए पात्र होंगे। वे खंड में एक से अधिक विद्यालयों में भी दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी सहमत मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की कक्षानुसार घोषित सीटों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर दर्शाया जाएगा। इसके अलावा यह जानकारी विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करेंगे।

योजना के तहत केवल वही छात्र पात्र होंगे, जिन्होंने गत शैक्षणिक वर्ष में अपनी शिक्षा सरकारी विद्यालयों से उत्तीर्ण की होगी। ड्रा में नाम आने के बाद छात्र का पिछले सरकारी विद्यालय से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट लिया जाना अनिवार्य होगा। दाखिला अवधि में जिला शिक्षा अधिकारी या जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संबंधित विद्यालयों में विभागीय सदस्य मनोनीत करेंगे। जिसके लिए वह विद्यालय के नजदीक के खंड शिक्षा अधिकारी या सरकारी विद्यालय के प्रिंसिपल, मुख्याध्यापक या शिक्षक में से किसी एक को नियुक्त कर सकते हैं।

ये कहना है जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहताष वर्मा का

प्राइवेट मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के जिन छात्रों के अभिभावकों की आय 1.80 लाख रुपए या इससे कम होगी, उन्हीं को दाखिले के लिए पात्र माना जाएगा। आय परिवार पहचान पत्र की वार्षिक सत्यापित आय से मान्य होगी। जिस विद्यालय को आवेदन पत्र दिया जाएगा, वे अभिभावक या छात्र को रसीद जरूर देंगे।

स्कूलों और विद्यार्थियों के लिए नियम

  1. दाखिले के लिए बच्चे का परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है।
  2. फीस प्रतिपूर्ति राशि के लिए वही मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय पात्र होंगे, जिन्होंने फार्म-6 में विद्यालय की फीस राशि पोर्टल पर दर्शाई है।
  3. स्कूल को दाखिल होने वाले छात्रों का डाटा एमआईएस पोर्टल पर दाखिले के दो दिन में अपडेट करना होगा।

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