हरियाणा का मुख्यमंत्री निवास हुआ ‘संत कबीर कुटीर’

इंडिया न्यूज, Haryana News: देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री निवास को एक ऐसे महापुरुष का नाम मिला है, जिन्होंने न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, बल्कि जातिगत व्यवस्था का भी सदैव विरोध किया। यह निवास है हरियाणा के मुख्यमंत्री का चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास और ये महापुरुष थे संत कबीर दास जी।

बता दें कि जो घोषणा रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक में संत कबीर जयंती पर आयोजित समारोह में की थी आज उसे पूरा कर दिया गया है और मुख्यमंत्री निवास के बाहर ‘संत कबीर कुटीर’ की पट्टिका लगा दी गई। उनके इस निर्णय से सामाजिक तौर पर देशभर में एक बहुत सकारात्मक संदेश गया है, जिसका समाज का हर वर्ग कायल हो गया है।

हर अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उत्थान ही लक्ष्य

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने खुद भी संतों और महापुरुषों के विचारों को आत्मसात किया है। अपना पूरा जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित कर देने वाले मुख्यमंत्री की सोच है कि जात-पात से ऊपर उठकर समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उत्थान किया जाए। उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार गरीब, पीड़ित और वंचित वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जात-पात के भेदभाव को भूलकर आगे बढ़ें

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि सभी जात-पात के भेदभाव को भूलकर मानवमात्र से प्रेम करने का संकल्प लें। उनका मानना है कि मनुष्य को सभी का मान-सम्मान व सत्कार करना चाहिए। मुख्यमंत्री को जानने वाला कोई आम आदमी हो या खास सभी ये मानते हैं कि मुख्यमंत्री संत स्वरूप हैं, उनका दिनचर्या और स्वभाव संतों और फकीरों से मिलता है। उन्हें स्वयं से अधिक हरियाणा की ढाई करोड़ जनता की चिंता है और इसी जनता को वे अपना परिवार मानकर सदैव इसके हित में निर्णय लेते रहते हैं।

हमेशा संतों के दिखाए मार्ग पर चलें

मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमें अपने संतों और महापुरुषों की सदा याद कर और उनके दर्शाए मार्ग पर चलकर अपन जीवन सफल बनाना चाहिए। महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलकर ही हमें जीवन का सही लक्ष्य हासिल होगा। वे मानते हैं कि संतों-महापुरुषों का अनुसरण कर व्यक्ति शरीर, मन और आत्मा को एकाकार कर सकता है। संतों के विचारों पर चलने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना’ शुरू कर महान विभूतियों की शिक्षाएं जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

इंसान के कर्म ही उसकी पहचान

मुख्यमंत्री निवास का नाम ‘संत कबीर कुटीर’ करने के निहितार्थ बहुत बड़े हैं। ये बताता है कि राज्य के मुख्यमंत्री जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते, उनके लिए इंसान के कर्म ही उसकी पहचान हैं।

हरियाणा एक हरियाणवी एक की सोच पर चल रही राज्य की सरकार के मुखिया का यह निर्णय इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्यूंकि ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री निवास का नाम एक ऐसी विभूति पर हुआ, जिसने सैकड़ों साल पहले जो कहा वह आज भी प्रासंगिक है और मानव मात्र को आज भी जीवन में आगे बढ़ने की राह दिखा रहा है।

यह भी पढ़ें : देशभर में कोरोना केसों में उतार-चढ़ाव, आज इतने केस

Connect With Us : Twitter Facebook

Amit Sood

Share
Published by
Amit Sood

Recent Posts

Sirsa News : नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा जेबीटी टीचर..और ऐसा पहली दफा नहीं हुआ…अब BEO ने लिया बड़ा फैसला 

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sirsa News : सिरसा जिले के गांव कुरंगावाली स्थित राजकीय मॉडल…

36 mins ago