इंडिया न्यूज, Haryana News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला अक्सर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में हमेशा चर्चा में रहे हैं और एक बार फिर वे दोबारा चर्चा में आ गए हैं। चौटाला को अपने बाल्यावस्था से लेकर बुढ़ापे तक कई बुरे हालात देखने पड़े। मालूम रहे कि उन्हें कल ही अपनी आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने 4 साल की सजा और 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले वे जेबीटी भर्ती घोटाले में भी 10 साल की सजा भुगतकर आए थे। लेकिन उन्हें फिर 4 वर्षों के लिए उसी जेल में जाना पड़ गया जोकि इनेलो के राजनीतिक भविष्य पर फिर काला साया छा गया। आज आपको उनके पूरे राजनीतिक करियर और शिक्षा के बारे में रू-ब-रू करवाते हैं। जानिए उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें…
ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के निवासी हैं। उनका जन्म सिरसा के एक गांव चौटाला में 1 जनवरी 1935 में हुआ था। गांव के नाम पर ही उन्होंने चौटाला नाम अपने नाम के साथ जोड़ा था। उनके पिता का नाम चौधरी देवीलाल था। हरियाणा की स्थापना में चौधरी देवी लाल ने 1966 में अहम भूमिका निभाई थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उपप्रधान मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी। ओम प्रकाश चौटाला लंबे समय तक इंडियन नेशनल लोक दल के अध्यक्ष रहे जो हरियाणा राज्य, उत्तर-पश्चिम-मध्य भारत में एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल था। 1989 और 1991 के बीच उन्होंने 1999-2005 में हरियाणा के मुख्यमंत्री पर आसीन रहे।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की अगर शिक्षा की बात की जाए तो चौटाला ने बचपन में ही स्कूल छोड़ दिया। उन्हें अक्सर राजनीति में जाने का जुनून रहता था इसीलिए अपने पिता देवी लाल के नक्शेकदम पर चलकर उन्होंने राजनीति में कदम रखना शुरू किया। बीच मझदार में छोड़ी परीक्षा उन्होंने दिल्ली की तिहाड़ जेल पूरी करने की सोची। इसीलिए जेल में सजा भुगतते हुए उन्होंने 10वीं की परीक्षा दी लेकिन उन्हें इंग्लिश में कंपार्टमेंट रिजल्ट दिया गया। इसीलिए कंपार्टमेंट परीक्षा में ही पास होने के लिए उन्होंने पिछले वर्ष ही सिरसा के आर्य कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में परीक्षा दी थी जिसको उन्होंने पास कर लिया।
आपको बता दें कि ओपी चौटाला का विवाह स्नेह लता से हुआ। लेकिन अगस्त 2019 में उनकी पत्नी का निधन हो गया। उनके दो बेटे बड़ा अजय चौटाला और छोटा अभय चौटाला जो दोनों राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन वक्त बदलते-बदलते चौटाला के जेल में जाने के बाद चौटाला की इनेलो पार्टी बिखरती नजर आई। उनके पौते दुष्यंत चौटाला ने अपनी अलग पार्टी बना ली जिसका नाम है जजपा।
ओम प्रकाश चौटाला की हरियाणा की राजनीति में अहम भूमिका रही है। वे 7 बार विधायक चुने जा चुके है और पांच बार मुख्यमंत्री बने हैं। माना जाता रहा है कि ओम प्रकाश चौटाला ने जब भी हरियाणा में सरकार का गठन किया। उनका एक अलग ही रूतपा जनता पर रहा है। सरकार बेशक गठबंधन की हो या अन्य। चौटाला की मर्जी के बिना किसी भी विधायक को बयान देने का अनौपचारिक अधिकार नहीं था।
ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा में पहली बार 2 दिसंबर 1989 को सीएम की कुर्सी पर बैठे। इस पद पर वे एक वर्ष से भी कम ही विराजमान रहे और 22 मई 1990 को पद छोड़ना पड़ा। लेकिन 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। इस बार मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता को पद से हटा दिया था लेकिन किन्हीं कारणों से इस पद से भी चौटाला को मात्र 5 दिनों के बाद ही अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ गया। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने फिर सीएम पद संभाला लेकिन दो हफ्ते बाद केंद्र ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।
ओपी चौटाला ने 1993 में नरवाना से उपचुनाव जीता। 1996 में लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) का गठन किया। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया और हरियाणा की 10 में से 5 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया। तब कहीं जाकर इनके दल को मान्यता प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होंने पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया, जो अब तक बरकरार है। हालांकि परिवार के दो राजनीतिक हिस्से हो चुके हैं।
बात दें कि दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को 21 मई को दोषी करार कर दिया गया था। सीबीआई ने ओपी चौटाला और उनके बेटों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे।
सीबीआई ने 26 मार्च, 2010 को पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सीबीआई का कहना था कि ओपी चौटाला ने आय से अधिक 6.09 करोड़ की संपत्ति जुटाई हुई जोकि उनकी आय से कहीं ज्यादा है। हालांकि चौटाला परिवार इन आरोपों को हमेशा से ही राजनीति से प्रेरित बताता रहा है।
वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की 3 करोड़ 68 लाख की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था। जब्त की गई संपत्तियां पंचकूला, नई दिल्ली व सिरसा में हैं।
बता दें कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को 2013 में जेबीटी घोटाले में लिप्त पाए गए थे जिसमें कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया गया था। इस घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन अब वे तिहाड़ कोर्ट से सजा पूरी कर बाहर आ चुके हैं।
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