हरियाणा में 20 साल से जमीन पर काबिज लोगों को देंगे मालिकाना हक

इंडिया न्यूज, Haryana News: सबसे गरीब का उत्थान करना हमारा लक्ष्य है। यह बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके आवास संत कबीर कुटीर पर लगाए गए जनता दरबार में प्रदेशभर से आए नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कही।
जनता दरबार में घुमंतू जाति के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें स्थाई आवास प्रदान किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2000 तक जिस जमीन पर घुमंतु जाति के लोगों को रहते हुए 20 साल हो चुके हैं और उनके पास किसी भी प्रकार का कोई प्रमाण मौजूद है तो उन्हें 200 गज तक की जमीन, जिस पर वह काबिज हैं, उनसे कुछ भुगतान लेकर वह जमीन उनके नाम कर दी जाएगी। इसके अलावा, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से चिन्हित घुमंतू जाति के लोगों, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक से कम है, को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के माध्यम से भी घर दिए जाएंगे।

राज्य सरकार कर रही गरीबों का कल्याण

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में अति गरीब परिवारों का उत्थान कर उन्हें मुख्यधारा में लाना राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है। राज्य सरकार ने महत्वाकांक्षी पहल परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रदेश के सबसे गरीब परिवार, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये से कम है,की पहचान की है और उनके आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल में पिछली सरकारों ने कभी भी गरीबों की भलाई के बारे में वे कार्य नहीं किए जो आज हम कर रहे हैं। चाहे गरीबों को आवास प्रदान करना हो, राशन उपलब्ध करवाना हो या अन्य कोई भी सुविधा देनी हो, हम सुव्यवस्थित तरीके से पारदर्शिता के साथ सबको लाभ दे रहे हैं। इसके लिए परिवार पहचान पत्र राज्य सरकार की एक बहुत ही महत्वकांक्षी पहल है, जिसके माध्यम से प्रदेश के सबसे गरीब, चाहे वह किसी भी जाति से संबंध रखता हो, का कल्याण किया जा रहा है। इसी कड़ी में, प्रदेश के सभी व्यक्तियों, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये से कम है, को आयुष्मान भारत योजना में कवर किया जाएगा।

लोगों को बना रहे स्वावलंबी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को स्वाबलंबी बनाने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्तथान योजना के अंतर्गत मेले आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें अब तक अढ़ाई लाख परिवार आ चुके हैं। इनमें से 40,000 परिवारों के ऋण मंजूर हो चुके हैं। जब तक ऐसे परिवारों की आय 2 लाख रुपये सालाना नहीं हो जाते, तब तक हमारी अंत्योदय की गाड़ी नहीं रुकेगी।

राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे

उन्होंने कहा कि अब किसी को भी अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आय स्तर के अनुसार सभी परिवारों का पीला, खाकी, गुलाबी या हरा कार्ड अपने आप बन रहा है और उन्हें सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ घर बैठे ही मिल रहा है।

मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे सभी नागरिकों, जिन्हें ऑनलाइन माध्यम योजनाओं का लाभ लेने में पोर्टल से संबंधित किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, उनके निवारण के लिए सामान्य सेवा केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि पोर्टल पर सभी दस्तावेजों के अपलोड न होने के कारण सुविधा मिलने में हो रही परेशानी को खत्म किया जा सके।
योगी समाज से आए प्रतिनिधि ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष मांगें रखीं, जिनको मुख्यमंत्री ने बड़े धैर्यपूर्वक सुना। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ की जयंती पर सरकारी तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

भाखड़ा विस्थापितों की समस्याओं का स्थाई समाधान करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन

भाखड़ा बांध आउस्टीस एसोसिएशन के प्रतिनिधि एवं सदस्यों ने भूमि, रिंग बांध की मरम्मत इत्यादि शिकायतें मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भाखड़ा विस्थापितों की समस्याओं का स्थाई समाधान करने के लिए फतेहाबाद, सिरसा, हिसार जिला उपायुक्तों सहित विभाग के दो अधिकारियों सहित 5 सदस्यीय कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए और यह भी निर्देश दिए कि सभी समस्याओं का निवारण 6 महीने के अंदर किया जाए।

जमाबंदी में गलतियों की जांच की जाए और दोबारा से जमाबंदी की जाए

हांसी से आए नागरिकों ने वर्ष 2017-18 की हांसी की जमाबंदी में गलतियां होने की शिकायत रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो गलतियां हैं, उनकी जांच कराई जाए और वर्ष 2012-13 को आधार बनाकर दोबारा से जमाबंदी की जाए और इसके प्रारूप को प्रकाशित किया जाए और नागरिकों से दावे एवं आपत्तियां आमंत्रित की जाएं, ताकि रिकॉर्ड में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।

खनक, भिवानी और नागली, यमुनानगर से आए स्टोन क्रशर मालिकों ने स्टोन क्रशर बंद किए जाने को लेकर अपनी समस्याएं रखीं। मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि उनकी समस्याओं का समाधान विभाग द्वारा किया जा चुका है। स्टोन क्रशर संचालित करने के लिए विभाग की ओर से अब नियमों में बदलाव कर राहत दी गई है,‌ जिससे स्टोन क्रशर दोबारा से चालू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि नियमों में कुछ राहत दी गई है, परंतु फिर भी तय मानदंड पूरे करने होंगे ताकि नियमों का उल्लंघन न हो। इस पर सभी स्टोन क्रशर के मालिकों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

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