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भाजपा हाईकमान भी जजपा के साथ गठबंधन पर हर अपडेट ले रही, राजस्थान में होने वाले चुनावों के मद्देनजर भी जजपा के साथ गठबंधन के मायनों पर भी मंथन जारी
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गठबंधन नहीं रहने की स्थिति में दोनों पार्टी हर संभव विकल्प पर मंथन की मुद्रा में
डॉ, रविंद्र मलिक, India News, (इंडिया न्यूज) Haryana Politics, चंडीगढ़। इन दिनों हरियाणा की राजनीति में कई मुद्दों पर सियासी घमासान मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्षी दल आमने-सामने इन दिनों जिस मुद्दे की सबसे ज्यादा चर्चा है वह है भाजपा-जननायक जनता पार्टी गठबंधन। मुख्य सत्ताधारी दल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि वही मुख्य पार्टी है और वो सरकार चला रहे हैं। साफ तौर पर उनका इशारा है कि जजपा की भूमिका सरकार में नगण्य है। जो भी बड़े फैसले लिए जाएंगे तो भाजपा अपने स्तर पर लेगी और इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप जजपा की तरफ से नागवार होगा।
एक तरह से उन्होंने जजपा को स्पष्ट कर दिया कि वह सीमित दायरे में रहे। इसको लेकर जजपा बैकफुट पर दिखाई दी और पार्टी नेताओं ने इसको लेकर अपनी आपत्ति जताई। साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में इनेलो भी लगातार मामले को लेकर जजपा को घेर रहे हैं। इसके अलावा यह भी चर्चा निरंतर है कि आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में क्या भाजपा और जजपा का गठबंधन बना रहेगा। भाजपा के ज्यादातर दिग्गज इस बात का संकेत दे रहे हैं कि पार्टी चुनाव में अकेले ही उतरेगी। जानकारों का मानना है कि जजपा भाजपा के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ना चाहती है।
90 सीटों पर हमारी तैयारी : भाजपा
वहीं मामले को लेकर एक बार फिर से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि फिलहाल तो गठबंधन को लेकर कुछ नहीं कह सकते। इसको लेकर फैसला पार्टी हाईकमान के विवेक के आधार पर होगा, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की 90 विधानसभा और 10 लोकसभा सीटों पर अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर पूरी तैयारी है।
पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम है। पार्टी की व्यापक तैयारियां हैं और पार्टी हर हाल में विपक्षी दलों को पटखनी देने की ताकत रखती है। जजपा के मामले पर कहा गठबंधन का फैसला भविष्य के गर्भ में है। जजपा भी अपने लेवल पर सभी सीटों पर तैयारी कर रही है। एक तरह से उन्होंने भी साफ कर दिया कि शायद पार्टी अकेले ही चुनाव लड़े।
गठबंधन को लेकर इनेलो-कांग्रेस भी जजपा पर हमलावर
यह किसी से छुपा नहीं है कि इनेलो और जननायक जनता पार्टी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते। इनेलो महासचिव अभय चौटाला और उनके पिता ओपी चौटाला निरंतर जजपा नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर हमलावर है। अभय चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दुष्यंत को आईना दिखा दिया कि सरकार मुख्य रूप से भाजपा की है।
जजपा का इसमें कोई लेना-देना नहीं है। जजपा की भूमिका गठबंधन में नगण्य भी नहीं है। अभय यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भाजपा दुष्यंत को जेल यात्रा भी करवा देगी उनके इस बयान पर भी दोनों पार्टियों में जमकर बयानबाजी चल रही है। साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस व दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी गठबंधन को लेकर निरंतर जजपा को घेर रहे हैं। उनका दावा है गठबंधन कभी भी टूट सकता है।
जजपा से गठबंधन पर मुख्यमंत्री पार्टी हाईकमान के निरंतर संपर्क में
जजपा से गठबंधन पर जारी उठापटक को लेकर भाजपा हाईकमान भी निरंतर अपडेट ले रहा है। आने वाले विधानसभा व लोकसभा को लेकर पार्टी हाईकमान मामले के महत्व को समझती है। इसी कड़ी में 9 मई को मुख्यमंत्री पार्टी दिग्गज व होम मिनिस्टर अमित शाह से भी मिले थे। उन्होंने जजपा से गठबंधन को लेकर हर जानकारी अमित शाह को दी थी। भाजपा नेताओं के जजपा के साथ गठबंधन को लेकर बयान आ रहे को पार्टी हाईकमान काफी गंभीरता से ले रही है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने मामले के हर पहलू से अमित शाह को अवगत करवाया व मीटिंग काफी हद तक सकारात्मक रही।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा-जजपा गठबंधन के खास मायने
इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस सरकार है। राजस्थान में आने वाले नतीजों का असर पड़ोसी राज्यों में होने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव का लोकल व राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ना तय है। ऐसे में भाजपा राजस्थान का रण जीतना चाहेगी, लेकिन यहां मुकाबला कांटे का है। यहां कुछ सीटों पर चाहे छोटी ही सही, जजपा की भूमिका है। जजपा ने 25 से 28 सीटों पर गठबंधन नहीं होने की स्थिति में चुनाव लड़ने की बात कही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जजपा चुनाव में राजस्थान में भाजपा के लिए बेशक बड़ी न सही लेकिन किसी न किसी रुप में छोटी भूमिका निभा सकती है। ऐसे में पार्टी हाईकमान राजस्थान में होने वाले चुनाव के चश्मे के जरिए जजपा को देखेगी।
जजपा गठबंधन नहीं रहने को लेकर विकल्पों पर मंथन की मुद्रा में
जजपा नेता भाजपा नेताओं के बयानों की गहराई नाप रहे हैं। वो भाजपा के साथ गठबंधन नहीं रहने की स्थिति में अन्य विकल्पों व संभव रणनीति पर निरंतर मंथन कर रहे हैं। कई भाजपा नेताओं द्वारा जजपा के साथ गठबंधन नहीं रखने के बयानों को लेकर जजपा नेता अपनी आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। इस बात का इल्म जजपा को अच्छे से है कि शुरुआत में भाजपा ने जो तवज्जो जजपा को दी थी, अब वो उतनी नहीं रही। दुष्यंत चौटाला, उनके पिता अजय चौटाला और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह निरंतर कह रहे हैं कि वो गठबंधन धर्म निभाएंगे और अब तक भी निभाया है।