होम / Haryana Polls 2024 : प्रदेश की सभी बेल्ट में अलग-अलग मुद्दों पर हो रहा चुनाव

Haryana Polls 2024 : प्रदेश की सभी बेल्ट में अलग-अलग मुद्दों पर हो रहा चुनाव

• LAST UPDATED : October 3, 2024
  • मेवात, दक्षिण हरियाणा और अहीरवाल बेल्ट में पानी की कमी अहम मुद्दा

  • जीटी रोड बेल्ट में बाढ़ का पानी समस्या, बांगड़ और बांगर में नशा बड़ा मुद्दा

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Polls 2024 : हरियाणा भौगोलिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से कई हिस्सों में बंटा हुआ है। भौगोलिक दृष्टि से 22 जिलों वाले हरियाणा की पहचान प्रमुख रूप से अहीरवाल, बांगर-बागड़ और तीसरी जीटी रोड बेल्ट के रूप में होती है और इन सभी बेल्ट का राजनीतिक मिजाज व्यापक स्तर एक-दूसरे से जुदा है।

साल 2014 में पहली बार हरियाणा में सरकार बनाने में सफल रहने वाली भगवा पार्टी भाजपा को मुख्य रूप से जीटी रोड बेल्ट सत्ता में लेकर आई तो अहीरवाल बेल्ट का भी इसमें बड़ा योगदान रहा। तीन प्रमुख बेल्टों के अलावा 4 और छोटी-छोटी बेल्ट हैं, जिनका राजनीति में अपना असर रहता है। अबकी बार भी सभी राजनीतिक दलों की नजर जीत और हार जीटी रोड बेल्ट और अहीरवाल पर टिकी हुई है। उपरोक्त के अलावा राज्य की बांगर, बागड़, खादर-नरदक, देसवाली (जाट बाहुल्य), मेवाती और दक्षिण हरियाणा की बेल्ट का भी राजनीतिक रूप से कहीं न कहीं एक महत्व है।

Haryana Polls 2024 : अहीरवाल में महेंद्रगढ़-नारनौल और रेवाड़ी में पानी अहम मुद्दा

राजस्थान की सीमा से सटे अहीरवाल ने प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाई है। पिछले कुछ समय से इस इलाके में भाजपा का होल्ड होने के चलते पार्टी दो बार सरकार बनाने में सफल रही। अहीरवाल में सालों से  पानी बड़ा मुद्दा रहा है। पीने के पानी की कमी के अलावा यहां पर खेतों की नहरी पानी से सिंचाई नहीं हो पा रही, जिससे जमीन बंजर है।

अब तक छह बार सांसद रह चुके केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का अहीरवाल में ठीक-ठाक होल्ड है। पिछले चार बार से वह लगातार सांसद हैं। इनके अलावा, यहां कांग्रेस के कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, राव दान सिंह और राव नरबीर के साथ अभय सिंह यादव का प्रभाव भी रहता है। इतना ही नहीं इस बेल्ट में केंद्र की अग्निवीर योजना की जमकर मुखालफत होने और बेल्ट में पार्टी नेताओं में आपसी खाई बढ़ने के चलते भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है।

दक्षिण हरियाणा में फरीदाबाद, पलवल के साथ गुरुग्राम में भी पानी की कमी बड़ा मुद्दा

वहीं दक्षिणी हरियाणा में भी मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले फरीदाबाद, गुरुग्राम और पलवल जिले आते हैं। इन जिलों में उप्र के साथ लगने से बृज भाषा का असर है। चूंकि गुरुग्राम और मिलेनियम सिटी फरीदाबाद दिल्ली से सटे होने के चलते यहां निवेश और इंडस्ट्री को लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन उपरोक्त जिलों में सबसे ज्यादा समस्या पीने के पानी और बढ़ते अपराध को लेकर है, जिनका फिलहाल तक कोई समाधान नहीं हो सका। इस बेल्ट में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना का यहां पर दबदबा है। हुड्डा के रिश्तेदार कर्ण सिंह दलाल भी एक बड़ा चेहरा हैं।

मेवात में नूंह और आसपास का इलाका, मुस्लिम बहुल एरिया में मूलभूत सुविधाओं को तरसे लोग

मेवात में नूंह व आसपास का मुस्लिम बाहुल्य इलाका शामिल है, जहां पर अधिकतर मुस्लिम नेताओं का ही प्रभाव है। इस क्षेत्र में बढ़ती अपराध दर और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के अलावा पानी की समस्या बड़े अहम मुद्दे हैं जिनका दशकों से समाधान नहीं हो पाया। दिल्ली के नजदीक होने और एनसीआर में होने के बावजूद यहां पर विकास नहीं हो पाया। आज भी यहां के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहे हैं।

यहां से तीनों विधायक कांग्रेस के हैं। नेताओं की बात करें तो कांग्रेस के आफताब अहमद और भाजपा नेता जाकिर हुसैन का यहां पर प्रभाव है। यह भी बता दे कि पिछले साल ब्रज मंडल यात्रा के चलते यहां पर जो हिंसा हुई, उसको लेकर भी बीजेपी बैकफुट पर है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी यहां के मुस्लिम समुदाय ने लामबंद होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था।

देसवाली बेल्ट में रोहतक, सोनीपत, झज्जर, पानीपत जिले, यहां हुड्डा का दबदबा

यह बेल्ट जाट देशवाली बेल्ट में खड़ी बोली बोलचाल में इस्तेमाल होती है। राजनीतिक रूप काफी मजबूत एरिया में चौधर का नारा चलता है औरयहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बेटे दीपेंद्र हुड्डा का दबदबा है। वह इसी चौधर के नारे के दम पर दो बार सीएम भी रहे। हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते इस क्षेत्र ने काफी तरक्की की। आईएमटी से यहां पर रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। सीएम पद पर दो दफा हुड्डा की ताजपोशी में इस बेल्ट ने अहम भूमिका निभाई। हुड्डा के अलावा कुलदीप शर्मा, कैप्टन अभिमन्यू, मनीष ग्रोवर व ओमप्रकाश धनखड़ का खासा प्रभाव है।

खादर-नरदक बेल्ट में उत्तरी हरियाणा के 5 जिले

जीटी रोड बेल्ट के नाम से पहचान रखने वाली खादर-नरदक बेल्ट में उत्तरी हरियाणा के उपजाऊ भूमि वाले करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला जिले शामिल हैं, जहां भाजपा का प्रभाव ज्यादा माना जाता है। इन जिलों में लोग हर साल यमुना नदी, टांगरी और मारकंडा नदी में बाढ़ और हर साल नदियों के साथ लगती फसलें खराब होने से परेशान हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल से चुनाव जीते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कई लोकसभा सीटों के तहत आने वाली विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

Rahul Gandhi Nuh Rally : चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गरजे राहुल गांधी, बीजेपी ने हरियाणा को…

बागड़ में ये जिले शामिल, बढ़ता नशा बड़ा मुद्दा

राजस्थान और पंजाब से सटे होने वाले बागड़ इलाके में बागड़ी बोली और पंजाबी भाषा बोली जाती है। इस क्षेत्र में नशा सबसे बड़ा मुद्दा है। ओवरडोज से युवाओं की जान जाने का मामला लगातार सदन के अंदर और बाहर उठता रहा है। यहां तीन लाल चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल परिवारों का वर्चस्व और दबदबा रहा है। भजनलाल परिवार से कुलदीप बिश्नोई, बंसीलाल परिवार से किरण चौधरी और चौटाला परिवार से अजय सिंह और अभय चौटाला के साथ दुष्यंत चौटाला उनकी राजनीतिक विरासत संभाले हुए हैं। राजनीतिक दृष्टि से यह बेल्ट प्रदेश की सबसे मजबूत रही है और ताऊ देवीलाल समेत इस धरती ने चार मुख्यमंत्री दिए हैं

बांगर में जींद और कैथल जिले, नशा और विकास की कमी बड़े मुद्दे

बांगर इलाके में हरियाणा के कैथल और जींद जिले आते हैं, जहां पर हमेशा से विकास की कमी और बढ़ता नशा बड़े मुद्दे रहे हैं। उचाना हलके को बांगर की राजधानी कहा जाता है। अक्खड़पन और बेबाकी के लिए मशहूर बांगर बेल्ट अधिकतर सरकारों में बांगर की हिस्सेदारी रहने के बावजूद यहां पर मूलभूत सुविधाओं और विकास की कमी हमेशा से महसूस की जाती रही है। हालांकि इस बेल्ट से कभी कोई नेता सीएम की कुर्सी पर काबिज नहीं हुआ। यहां से कोई नेता प्रदेश का मुखिया नहीं बन सका। सिर्फ ओमप्रकाश चौटाला नरवाना से विधायक होते हुए सीएम बने थे, लेकिन उनका मुख्य क्षेत्र सिरसा रहा है। बीरेंद्र सिंह और रणदीप सुरजेवाला इस क्षेत्र के दो बड़े चेहरे हैं, लेकिन प्रदेश का मुखिया नहीं बन सके।

Haryana Election 2024 : अशोक तंवर ने थाम लिया अब इस पार्टी का दामन, जानिए

BJP’s Big Claim : अपना गढ़ बचाने में हांफ रहे हुड्डा, रोहतक-झज्जर में पहले से हाफ और सोनीपत में साफ हो रही कांग्रेस